बच्चों का दिमाग तेज करना है तो रोज कराएं ये योगासन, जानें इसके फायदे
हाल के कुछ वर्षों में माता पिता में अपने बच्चों की फिटनेस व स्वास्थ्य को लेकर काफी जागरूकता आई है। माता-पिता अपने बच्चों को पालन पोषण को लेकर ज्यादा चिंतित रहते हैं। ऐसे में इन दिनों कई माता-पिता अपने बच्चों को योगासन करने के लिए भी प्रोत्साहित कर रहे हैं लेकिन यहां ध्यान देने वाली बात ये हैं कि यदि आपका बच्चा ज्यादा छोटा है तो कुछ योगासन ही उसके लिए फिलहाल फायदेमंद साबित हो सकते हैं। दरअसल छोटी उम्र के बच्चों को कुछ योगासन ही रोज करना चाहिए, जो उनके मानसिक व शारीरिक विकास के लिए फायदेमंद होते हैं। यहां हम आपको कुछ ऐसे ही योगासनों के बारे में बता रहे हैं –
बच्चों के लिए किए जाने प्रमुख आसन
1. उष्ट्रासन (ऊंट मुद्रा)
2. मत्स्यासन (मछली मुद्रा)
3. धनुरासन (धनुष मुद्रा)
4. बालासन (बाल मुद्रा)
5. गोमुखासन (गाय-चेहरे की मुद्रा)
6. भुजंगासन (कोबरा मुद्रा)
7. दंडासन (स्टाफ पोज़)
8. मंडुकासन (मेंढक मुद्रा)
9. शवासन (शांत मुद्रा में सीधा लेट जाना)
उष्ट्रासन (ऊंट मुद्रा)
बच्चों के शरीर को मजबूत, स्फूर्तिदायक और स्थिर करने के लिए उष्ट्रासन सबसे अच्छे आसनों में से एक है। इस आसन को करने से कई शारीरिक फायदे होते हैं। पीठ, जांघ और नितंब की मांसपेशियों को मजबूत होती है।
मत्स्यासन (मछली मुद्रा)
मत्स्यासन पेट, छाती और पीठ के निचले हिस्से की मांसपेशियों को फैलाता है। पाचन और हृदय प्रणाली की कार्यक्षमता में सुधार होता है। बच्चे की प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है।
धनुरासन (धनुष मुद्रा)
माता-पिता के रूप में हमेशा इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि हमारे बच्चे भी तनाव से गुजरते हैं, इसलिए बेहतर मानसिक स्वास्थ्य के लिए धनुरासन सही आसन है। यह पीठ और पेट की मांसपेशियों को लचीला बनाकर शरीर की सहनशक्ति को बढ़ाने में भी मदद करता है।
बालासन (बच्चे की मुद्रा)
यह मुद्रा एक बच्चे की मुद्रा से प्रेरित है, इसलिए इसे बच्चों के लिए अवश्य करना चाहिए। शाब्दिक रूप से भी आप समझ सकते हैं कि यह आसान बच्चों को लिए ही है। यह एक आराम करने वाला आसन है। इस आसन को करते समय यदि बच्चा गर्दन झुकाकर नहीं बैठ सकता है तो उसे एक तकिया दे सकते हैं।
गोमुखासन (गाय के मुख की मुद्रा)
इस योगासन को करने से बाजुओं, ट्राइसेप्स, कंधों और छाती मजबूत होती है। कंधों और कूल्हों से तनाव नहीं रहता है। शरीर का लचीलापन बढ़ता है। बच्चे जब इस आसान को करें तो माता-पिता या योग टीचर के देखरेख में ही करना चाहिए।
भुजंगासन (कोबरा मुद्रा)
भुजंगासन करने से बच्चों के पाचन में सुधार होता है और शरीर में चयापचय की प्रक्रिया में सुधार होता है। महामारी के इस दौर में बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी एक प्राथमिकता है और यह आसन शरीर में रक्त और ऑक्सीजन के संचार को बढ़ाता है, जिससे शरीर में पोषक तत्वों का बेहतर अवशोषण होता है।
दंडासन (स्टाफ मुद्रा)
सभी आसनों में दंडासन को भी एक महत्वपूर्ण आसन माना जाता है। दंडासन मुद्रा शरीर के आंतरिक अंगों में संतुलन स्थापित करता है और शरीर में मांसपेशियों को मजबूत करता है और छोटे बच्चों के लिए सहनशक्ति बढ़ाता है।
मंडुकासन (मेंढक मुद्रा)
मंडूकासन करने में बच्चों की दिलचस्प रहती है। इस आसन को करते समय मेंढक की मुद्रा में बैठना होता है। यह आसन पेट को ठीक करने में अहम भूमिका निभाता है। यह शरीर में इंसुलिन की मात्रा को भी बढ़ाता है।
शवासन (शांत मुद्रा में सीधा लेट जाना)
शवासन का अभ्यास करने से शरीर को भरपूर आराम मिलता है। इस आसन को सबसे आखिर में ही किया जाता है। शवासन करने से कई स्वास्थ्य लाभ हैं जैसे रक्तचाप कम करना, थकान कम करना और तनाव कम करना।