:677 दिनों से 4 अफसर एक-एक तथ्य खंगाल रहे, US तक से मांगी मदद; वकील बोले- गला घोंटा गया

Cglive Report : ‘एम्स के जिन सुधीर गुप्ता ने सुशांत की मौत को सुसाइड बताया है, उन्होंने ही मुझे ओरली कहा था कि, सुशांत के गले में जो निशान हैं, वो स्ट्रैंग्युलेशन (गला घोंटना) का निशान है, हैंगिंग का नहीं। बाद में गुप्ता ने ही इसे सुसाइड बता दिया। मैं तो अब भी यही पूछ रहा हूं कि, जहां सुशांत लटका मिला, उसके बाजू में बेड था। वो स्ट्रगल करता तो बेड पर चला जाता। जब लटक रहा था तो बेड उसकी बॉडी से टच कर रहा था। ऐसे में वो मर कैसे सकता है।’

यह सवाल सुशांत सिंह के परिवार की तरफ से केस लड़ रहे वकील विकास सिंह ने भास्कर से हुई बातचीत में उठाए हैं।

सुशांत की मौत को 2 साल हो चुके हैं। देश की तीन बड़ी एजेंसी CBI, NCB और ED इस केस में इन्वॉल्व हैं, लेकिन नतीजा अभी तक सिफर है।

CBI ने इस केस में 6 अगस्त 2020 को केस रजिस्टर किया था। तब से अभी तक उसे जांच करते हुए 677 दिन हो चुके हैं, लेकिन एजेंसी किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है।

जबकि, इस मामले की जांच के लिए केंद्रीय एजेंसी ने चार सीनियर अफसर गुजरात कैडर के 1994 बैच के IPS मनोज शशिधर, 2004 गुजरात कैडर की IPS गगनदीप गंभीर, 2007 बैच की IPS नुपुर प्रसाद और CBI में SP अनिल यादव को लगा रखा है। CBI के PRO ने भास्कर को ये भी कंफर्म किया कि, टीम में कोई बदलाव नहीं हुआ।

ऐसे में भास्कर इस केस से जुड़े अहम लोगों तक पहुंचा और उनसे जाना कि, इस मामले को अब वे कैसे देख रहे हैं। हमने बीते दो सालों की टाइमलाइन भी तैयार की है।

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