हाथियों का आतंक, तालाब से लौट रहे दो मनरेगा मजदूरों पर किया हमला, एक की मौत और दूसरा घायल

बिलासपुर. छत्तीसगढ़ में हाथियों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। बिलासपुर संभाग के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में हाथियों ने दस्तक दी है। मध्य प्रदेश के अनूपपुर होते हुए छत्तीसगढ़ पहुंचे हाथियों ने मरवाही वन परिक्षेत्र के सिवनी मालाडांड़ में आतंक मचाया है। हाथियों के दल ने दो मजदूरों पर हमला कर दिया, जिससे एक मनरेगा मजदूर की मौत हो गई, जबकि दूसरा गभीर रूप से घायल है। घायल को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वन विभाग के कर्मियों को हाथियों की निगरानी में लगाया गया है। हाथियों की मौजूदगी वाले इलाके से ग्रामीणों नहीं जाने मुनादी कराई गई है।

मिली जानकारी अनुसार मरवाही वन परिक्षेत्र के मालाडांड़ के सिवनी वन क्षेत्र में तीन दंतैल के आने की सूचना है। हाथी संभवत: रात को क्षेत्र में पहुंचे हैं। हाथियों के आने की कोई सूचना वन विभाग को नहीं थी। बताया जाता है कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना के तहत मजदूर तालाब गहरीकरण का काम खत्म करके लौट रहे थे, तभी 2 मजदूर बदीराम और सहदेव पनिका का सामना हाथियों से हो गया। हाथी ने दोनों ग्रामीणों पर हमला कर दिया, जिससे बदीराम और सहदेव को गंभीर चोट आई। दोनों को मरवाही स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया, जहां बदीराम की मौत हो गई।

ग्रामीणों के शोर के बाद हिंसक हुआ हाथी 
अचानक हाथी को देखने के बाद ग्रामीणों शोर मचा दिया, जिससे वे आक्रमक हो गए। हाथी ने मजदूरों पर हमला करने दौड़ा दिया। मजदूरों की आवाज सुनकर दूसरे लोग वहां पहुंचे, तब तक हाथियों ने दोनों मजदूरों को गंभीर रूप से घायल कर दिया। ग्रामीणों द्वारा किसी तरह हाथियों को खदेड़ा गया, जिसके बाद घायलों को 112 की मदद से अस्पताल लाया गया। दोनों को मरवाही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में उपचार के बाद गौरेला स्थित जिला अस्पताल पहुंचाया गया, जहां जांच के बाद डॉक्टरों ने बदीराम को मृत घोषित कर दिया। वहीं सहदेव का इलाज चल रहा है। इधर वन विभाग के कर्मचारियों को हाथियों की निगरानी के लिए तैनात किया गया है।

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