जमकर लोन ले रही हैं महिलाएं, कहां खर्च कर रही हैं पैसे, नीति आयोग की रिपोर्ट में हुआ खुलासा

लोन लेने के मामले में अब महिलाएं भी पुरुषों से पीछे नहीं हैं. वे जमकर बैंकों से पैसा उठा रही हैं. नीति आयोग की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में लोन लेने वाली महिलाओं की संख्या पिछले पांच वर्षों में 22 फीसदी की सालाना दर से बढ़ी है. लोन का बड़ा हिस्सा उपभोग की मांग को पूरा करने के लिए था. बिजनेस के लिए कम लोन लिया गया. महिलाओं ने 42 फीसदी लोन पर्सनल लोन अपने उपभोग से जुड़ी वस्तुओं और घर खरीदने के लिए लिया. बैंक से लोन लेने वाली महिलाएं मुख्य रूप से सेमी-अर्बन और रूरल इलाकों से हैं. ये भी सामने आया है कि महिलाओं में अपने क्रेडिट स्कोर को लेकर भी जागरूकता बढ़ी है. क्रेडिट स्कोर चेक करने वाली युवा लड़कियों की दर सालाना करीब 56 फीसदी से बढ़ रही है.

‘फ्रॉम बॉरोवर्स टू बिल्डर्स’ वीमन रोल इन इंडिया फाइनेंशियल ग्रोथ स्टोरी नाम की रिपोर्ट सोमवार को प्रकाशित हुई. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि महज तीन फीसदी महिलाओं ने बिजनेस के लिए लोन लिया. पर्सनल लोन, कंज्यूमर लोन, होम लोन का हिस्‍सा 42 फीसदी था. गोल्‍ड लोन सबसे ज्‍यादा लिया गया. 38 फीसदी महिलाओं ने सोना गिरवी रखकर लोन लिया.

लोन अकाउंट में 4.6 गुना वृद्धि
रिपोर्ट के मुताबिक, 2019 से कारोबार के इरादे से खोले गए लोन अकाउंट की संख्या में 4.6 गुना वृद्धि हुई है लेकिन ये लोन 2024 में महिलाओं द्वारा लिए गए कुल लोन का सिर्फ तीन प्रतिशत हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में अधिक महिलाएं लोन लेना चाह रही हैं और सक्रिय रूप से अपने क्रेडिट स्कोर की निगरानी भी कर रही हैं. दिसंबर, 2024 तक करीब 2.7 करोड़ महिलाएं अपने लोन पर नजर रखे हुए थीं जो उनकी बढ़ती वित्तीय जागरूकता को दर्शाता है.

कस्‍बों और गांवों में ज्‍यादा लोन
रिपोर्ट में कहा गया है कि महिला उधारकर्ताओं में से 60 प्रतिशत कस्बों और ग्रामीण क्षेत्रों से थीं. यह महानगरों से परे एक गहरी वित्तीय छाप को दिखाता है. उत्तर और मध्य भारत के राज्यों में इस दौरान महिलाओं ने पुरुषों से ज्यादा लोन लिया. नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रमण्यम ने कहा कि बैंक और फाइनेंशियल कंपनियों के पास महिलाओं को लोन देने का मौका है. महिलाएं लोन लेकर अपनी फाइनेंशियल पावर बढ़ाना चाहती हैं.

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