कश लगाने वालों को टेंशन देगी है ये खबर…..28 से बढ़कर 40% होगा GST, एक्साइज ड्यूटी अलग से
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भारत सरकार सिगरेट और तंबाकू प्रोडक्ट्स पर जीएसटी (GST) बढ़ाने पर विचार कर रही है, ताकि टैक्स रेवेन्यू में कमी न आए. फिलहाल, इन पर 28 प्रतिशत जीएसटी के अलावा और भी चार्ज लगते हैं, जिससे कुल टैक्स 53 प्रतिशत हो जाता है. लेकिन यह विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के सुझाए 75 प्रतिशत से काफी कम है. यह बदलाव तंबाकू इस्तेमाल करने वाले लोगों की जेब पर कैसे असर डालेगा? चलिए विस्तार से समझते हैं.
भारत सरकार सिगरेट और तंबाकू उत्पादों पर जीएसटी (GST) बढ़ाने पर ऐसे समय में विचार कर रही है, जब इन उत्पादों पर लगने वाला कंपनसेशन सेस (Compensation Cess) खत्म हो जाएगा. फिलहाल, सिगरेट और तंबाकू उत्पादों पर 28 प्रतिशत जीएसटी के अलावा कंपनसेशन सेस और अन्य चार्ज लगते हैं, जिससे कुल टैक्स 53 प्रतिशत हो जाता है. सरकार इसे बढ़ाकर 40 प्रतिशत करने और उस पर अलग से एक्साइज ड्यूटी (Excise Duty) लगाने के बारे में सोच रही है.
कब खत्म हो जाएगा तंबाकू प्रोडक्ट्स पर कंपनसेशन सेस?
इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि कंपनसेशन सेस खत्म होने के बाद भी इन उत्पादों से टैक्स रेवेन्यू में कमी न आए. कंपनसेशन सेस 31 मार्च 2026 तक लागू रहेगा. सरकार इस सेस की जगह किसी दूसरे सेस को लागू करने के पक्ष में नहीं है. एक अधिकारी के मुताबिक, सेस को कारगर नहीं माना जाता है.
सिगरेट और तंबाकू उत्पादों को ‘सिन गुड्स’ (Sin Goods) माना जाता है, यानी ऐसे उत्पाद जो सेहत के लिए हानिकारक हैं. इन पर जीएसटी के अलावा बेसिक एक्साइज ड्यूटी (Basic Excise Duty) और नेशनल कैलामिटी कंटिंजेंट ड्यूटी (National Calamity Contingent Duty) भी लगती है.
सिगरेट बनाने वाली कंपनियों के शेयर गिरे
हाल ही में, सिगरेट बनाने वाली कंपनियों जैसे आईटीसी (ITC), वीएसटी इंडस्ट्रीज (VST Industries), और गॉडफ्रे फिलिप्स (Godfrey Phillips) के शेयरों में गिरावट देखी गई. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि एक रिपोर्ट में सरकार द्वारा तंबाकू उत्पादों पर जीएसटी बढ़ाने की बात कही गई थी.
आईटीसी, फोर स्क्वायर बनाने वाली गॉडफ्रे फिलिप्स और चारमीनार बनाने वाली वीएसटी इंडस्ट्रीज के शेयरों में गुरुवार को भारी गिरावट आई. सुबह 9.55 बजे आईटीसी का शेयर 1.6 प्रतिशत गिरकर 400 रुपये पर था, जबकि गॉडफ्रे फिलिप्स 3 प्रतिशत गिरकर 6,364.4 रुपये पर था और वीएसटी इंडस्ट्रीज के शेयर 3.7 प्रतिशत गिरकर 288.3 रुपये पर थे.
हेल्थ सेस को लेकर सहमत नहीं राज्य
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने सिगरेट पर 75 प्रतिशत टैक्स लगाने की सलाह दी है, लेकिन भारत में अभी यह 53 प्रतिशत ही है. तंबाकू और तंबाकू उत्पाद सरकार के लिए टैक्स रेवेन्यू का एक बड़ा स्रोत हैं. 2022-23 में इनसे 72,788 करोड़ रुपये का टैक्स रेवेन्यू जुटाया गया था.
एक और विकल्प यह है कि कंपनसेशन सेस की जगह हेल्थ सेस (Health Cess) लगाया जाए, लेकिन कुछ राज्य इसके पक्ष में नहीं हैं. केंद्र सरकार भी किसी नए सेस को लागू करने के पक्ष में नहीं है.
जीएसटी काउंसिल ने तंबाकू उत्पादों पर टैक्सेशन से जुड़े मुद्दों पर विचार करने के लिए एक मंत्री समूह (GoM) का गठन किया था. इस समूह ने सुझाव दिया था कि जीएसटी का सेस हिस्सा उत्पाद की अधिकतम खुदरा कीमत (MRP) से जोड़ा जाए, न कि बिक्री मूल्य से. इस मुद्दे को फिटमेंट कमेटी और दरों के युक्तिकरण पर बने समूह के पास भेजा गया है.