वन पारिस्थितिकी तंत्र सेवाएं और राज्य जीडीपी में उनका योगदान’ विषय पर 21 फरवरी को नवा रायपुर में कार्यशाला

वन मंत्री कश्यप के नेतृत्व में, वन पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं के मूल्यांकन और उनका राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में आर्थिक महत्व को चिन्हित करने के लिए 21 फरवरी को दंडकारण्य (ऑडिटोरियम), अरण्य भवन, नवा रायपुर में कार्यशाला का आयोजन होगा। यह कार्यशाला वन विभाग छत्तीसगढ़ द्वारा द एनर्जी रिसर्च इंस्टीट्यूट (टेरी) नई दिल्ली के सहयोग से आयोजित की जा रही है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख श्री वी. श्रीनिवास राव, तथा अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (भू-प्रबंधन) श्री सुनील कुमार मिश्रा के निर्देशन में आयोजित होने वाली इस कार्यशाला में वन पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं के मूल्यांकन और उन्हें व्यापक आर्थिक ढांचे में एकीकृत करने पर राष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञों के साथ विचार-विमर्श किया जाएगा।

वनमंत्री कश्यप के मार्गदर्शन में यह एक महत्वपूर्ण पहल है। छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है जो हरित जीडीपी में वन पारिस्थितिकी तंत्र मूल्यों को समाहित करने और उन्हें आर्थिक योजना में व्यवस्थित रूप से शामिल करने की पहल कर रहा है। यह कार्यशाला छत्तीसगढ़ को सतत विकास की दिशा में अग्रणी बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी, जिससे राज्य की पर्यावरणीय संपदा को आर्थिक योजना में प्रभावी रूप से एकीकृत किया जा सकेगा।

इस कार्यशाला में कई विशिष्ट विशेषज्ञों के उद्बोधन होंगे, जिनमें सेवानिवृत्त पीसीसीएफ डॉ. आर. के. सिंह, डॉ. के. सुब्रमण्यम, सदस्य, छत्तीसगढ़ राज्य योजना आयोग; एवं डॉ. जे. वी. शर्मा, वरिष्ठ निदेशक (भूमि संसाधन प्रभाग) टेरी शामिल हैं। ये सभी विशेषज्ञ नीति और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं के मूल्यांकन और आर्थिक योजना पर उनके प्रभाव पर विचार रखेंगे।

कार्यशाला के तकनीकी सत्र में कई प्रमुख विशेषज्ञ अपने शोध व विचार साझा करेंगे। श्री जगदीश राव, सीईओ, लिविंग लैंडस्केप्स, हैदराबाद अपने अनुभव साझा करेंगे। डॉ. मधु वर्मा, वरिष्ठ आर्थिक सलाहकार एवं मुख्य पर्यावरण अर्थशास्त्री, आईओआरए, नई दिल्ली, भारत में पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं के मूल्यांकन की महत्ता और भविष्य की संभावनाओं पर चर्चा करेंगी। श्री अनिरुद्ध सोनी, फेलो, सेंटर फॉर बायोडायवर्सिटी एंड इकोसिस्टम (टेरी) वन-आधारित पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं को राज्य जीडीपी से जोड़ने के लिए एसईईए फ्रेमवर्क पर अपनी प्रस्तुति देंगे। इसके अलावा, प्रांजल चौहान, एसोसिएट फेलो, सेंटर फॉर बायोडायवर्सिटी एण्ड इकोसिस्टम, टेरी, छत्तीसगढ़ के वनों में पारिस्थितिकी तंत्र सेवा मूल्यांकन को लागू करने के लिए एक रोडमैप प्रस्तुत करेंगे।

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