पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला बीजेपी के दो बड़े नेताओं तक पहुंची CBI की जांच

पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित शिक्षक भर्ती घोटाले में नया मोड़ आ गया है. CBI की जांच बीजेपी के दो बड़े नेताओं तक पहुंच गई है. राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी पहले ही जेल में हैं. CBI सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट्स में कहा गया है कि इस घोटाले में अब पूर्व सांसद दिब्येंदु अधिकारी और पूर्व IPS अधिकारी भारती घोष पर शक जताया जा रहा है. दिब्येंदु, बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी के भाई हैं और घोष अब बीजेपी में हैं. CBI ने हाल ही में एक विस्तृत रिपोर्ट और सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें इन दोनों के अलावा तृणमूल कांग्रेस (TMC) की राज्यसभा सांसद ममता बाला ठाकुर और अन्य प्रभावशाली लोगों के नाम भी शामिल हैं.

CBI के अनुसार, दिव्येंदु अधिकारी और ममता बाला ठाकुर ने 20-20 उम्मीदवारों की सिफारिश की थी, जबकि भारती घोष ने चार उम्मीदवारों को शिक्षक पद के लिए सिफारिश की. जांच एजेंसी को इस घोटाले से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेज शिक्षा विभाग से मिले थे, जिनमें इन नेताओं द्वारा भेजी गई सिफारिशी चिट्ठियां शामिल थीं.

इस भर्ती घोटाले की शुरुआत जुलाई 2022 में तब हुई थी जब CBI ने पश्चिम बंगाल के विधायक पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार किया था. जांच के दौरान उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी के घर से 51 करोड़ रुपये नकद, सोना और विदेशी मुद्रा बरामद हुई.

CBI की जांच में यह सामने आया कि यह घोटाला पार्थ चटर्जी के शिक्षा मंत्री रहते हुए हुआ और इसके तहत शिक्षक भर्ती में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया गया. इस मामले में TMC के कई नेताओं पर पहले ही जांच चल रही थी, लेकिन अब इसमें बीजेपी के दो बड़े नेता भी संदेह के घेरे में आ गए हैं.

इस मामले में जिन नेताओं के नाम सामने आए हैं, उन्होंने आरोपों से इनकार किया है. भारती घोष ने कहा कि उन्होंने सिर्फ एक उम्मीदवार के परीक्षा केंद्र बदलने की सिफारिश की थी, लेकिन घोटाले से उनका कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने कानूनी कार्रवाई की धमकी दी है अगर उनका नाम इस मामले से जोड़ा जाता है. ममता बाला ठाकुर ने इन आरोपों को राजनीतिक साजिश बताया और कहा कि वह निर्दोष हैं. दिब्येंदु अधिकारी ने बयान दिया कि वह सिर्फ अदालत या जांच एजेंसी के सामने ही अपना पक्ष रखेंगे.

 

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