पाकिस्तान कहां-कहां से भेजता है ड्रोन, कौन है सबसे एक्टिव लॉन्च पैड? BSF की रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा

पाकिस्तान की मक्कारी का कोई जवाब नहीं. उससे अपना घर संभलता नहीं. दूसरे के घर में आग लगाने में आगे रहता है. भारत में ड्रग्स और हथियार सप्लाई करने के लिए पाकिस्तान चाल पर चाल चल रहा है. भारत में ड्रग्स, हथियार और गोला-बारूद से लदे ड्रोन भेजने के लिए पाकिस्तान का लाहौर लॉन्चपैड के रूप में काम करता है. सूत्रों के मुताबिक, बीएसएफ की ड्रोन फोरेंसिक लैब ने पाया है कि सबसे ज्यादा 184 ड्रोन लाहौर से आए हैं. यह शहर सड़क मार्ग से लगभग 33 किलोमीटर दूर है, लेकिन हवाई मार्ग से भारत-पाकिस्तान सीमा के काफी करीब है.

वहीं, नरोवाल से 42 ड्रोन लॉन्च किए गए हैं. यह लाहौर से करीब 100 किलोमीटर दूर है. दूसरे शहरों में ओकारा, बहावलनगर और पाकिस्तान का टोबा टेक सिंह शामिल है. बीएसएफ ने जो डेटा कलेक्ट किया है, उससे पता चला है कि भारत-पाकिस्तान सीमा के पास के शहर अधिक सक्रिय हैं.

बीएसएफ के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि फोरेंसिक जांच में पता चला है कि कुछ ड्रोन पकड़े जाने से पहले कई बार आ जा चुके थे. आंकड़ों के मुताबिक, सबसे ज्यादा ड्रोन बीएसएफ (284) ने ही पकड़े हैं. पंजाब पुलिस ने 20, दिल्ली पुलिस ने 2 और मणिपुर पुलिस ने 1 ड्रोन ही पकड़ा है.

पंजाब लैब अब तक काफी संख्या में ड्रोन की जांच कर चुका है. इनमें से ज्यादातर ड्रोन बीएसएफ ने पकड़े हैं, जबकि राज्य पुलिस ने बहुत कम योगदान दिया है. वहीं, दिल्ली फॉरेंसिक लैब को 2022 से 2025 तक कुल 307 ड्रोन मिले हैं.भारत-पाकिस्तान सीमा पर इस साल ड्रोन बरामदगी (257) के अब तक के सबसे बड़े आंकड़े और घुसपैठ की कोशिशों में इजाफे की आशंका को देखते हुए बीएसएफ ने अवैध ड्रोन से निपटने के लिए एंटी-ड्रोन सिस्टम तैनात किए हैं. घुसपैठ रोधी भूमिका में अतिरिक्त बटालियन को शामिल किया गया है ताकि जम्मू फ्रंटियर के अंदरूनी इलाकों में मजबूत नियंत्रण बनाए रखा जा सके.

बीएसएफ की तरफ से उठाए गए इस कदम के बारे में जानकारी प्रेस रिलीज में दी गई है. इसमें कहा गया, ‘सीमा की सुरक्षा के लिए नए डिजाइन के फेंस (एनडीएफ) का प्रस्ताव है. बॉर्डर पर बेहतर निगरानी के लिए संवेदनशील जगहों पर सीसीटीवी/ पीटीजेड और बुलेट कैमरे लगाए गए हैं. जम्मू फ्रंटियर के अंदरूनी इलाकों में मजबूत नियंत्रण बनाए रखने के लिए घुसपैठ विरोधी भूमिका में दो अतिरिक्त बटालियन को शामिल किया गया है.’

रिलीज में आगे कहा गया, ‘कमांड एंड कंट्रोल सेंटर और सर्विलांस ग्रिड लगाकर खाली जगहों को कवर किया जा रहा है. सीमावर्ती क्षेत्र में सभी सहयोगी एजेंसियों के साथ घनिष्ठ संपर्क स्थापित किया गया है और संयुक्त अभियान चलाए जा रहे हैं. सुरंग विरोधी अभ्यास कड़ाई से किए जा रहे हैं.’

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