हमें कर्मचारी चाहिए… निजी कंपनियों को सरकार को भी देनी होगी खाली पदों की जानकारी

निजी कंपनियां आमतौर पर कर्मचारियों की भर्ती के लिए लिंक्‍डइन और नौकरी.कॉम जैसे प्‍लेटफार्म्‍स के माध्‍यम से ही अपने यहां खाली पदों की जानकारी देती है. लेकिन जल्‍द ही निजी कंपनियों के सभी विभागों और वर्टिकल्स में खाली पदों की जानकारी सरकार को देना अनिवार्य हो सकता है. केंद्र सरकार रोजगार विनिमय (रिक्तियों की अनिवार्य सूचना) अधिनियम, 1959 को बदलकर नए सामाजिक सुरक्षा अधिनियम लाने की योजना बना रही है. इसका उद्देश्य नौकरी रिक्तियों की जानकारी प्रसारित करने के लिए एक औपचारिक तंत्र बनाना है.

यह कदम रोजगार नियमन में बदलाव की दिशा में उठाया जा रहा है. सरकार इस फैसले को सख्‍ती से लागू करने के मूड में है. यही वजह है कि सरकार को रिक्तियों की जानकारी न देने वाली कंपनी पर सख्त जुर्माने का प्रावधान किया जाएगा. सरकार जुर्माने को 100 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये करने पर विचार कर रही है.

निष्क्रिय हो गए रोजगार एक्‍सचेंज
टाइम्‍स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्‍ट्र के कौशल शिक्षा, रोजगार और उद्यमिता मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने सोमवार को मुंबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “हमारे पास रोजगार विनिमय (Employment Exchanges) हैं, लेकिन वे निष्क्रिय हो गए हैं. नए कानून के तहत हम इन्हें पुनर्जीवित और मजबूत करेंगे, ताकि कंपनियां राज्य को रिक्तियों की जानकारी दें.” उन्होंने यह भी कहा कि मामूली जुर्माने के कारण कंपनियां रिक्तियों की रिपोर्टिंग से बचती रही हैं, जिसे अब बदलने की योजना है.

वर्तमान में, अधिकतर कंपनियां अपनी रिक्तियों को लिंक्डइन जैसे प्लेटफार्मों पर पोस्ट करती हैं. सरकार अब कंपनियों के लिए एक राज्य-विशिष्ट जॉब पोर्टल बनाने की योजना बना रही है, जिससे अनुपालन आसान हो सके. यह पहल महाराष्‍ट्र सरकार की 100-दिवसीय कार्य योजना का हिस्सा है. सरकार के इस कदम का उद्देश्य रोजगार के अवसरों को अधिक पारदर्शी और सुलभ बनाना है, हालांकि इस पर कंपनियों की प्रतिक्रिया का इंतजार है.

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