SC/ST क्रीमीलेयर में आरक्षण पर क्या था सुप्रीम कोर्ट का फैसला, कौन करेगा लागू
सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति में क्रीमीलेयर के रिजर्वेशन को लागू कराने संबंधी याचिका पर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि उसने इस बारे में अगस्त 2024 में आदेश दे दिया है . अब इसे लागू कराने का फैसला केंद्र और राज्य सरकारों को करना है. जानते हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने इस बारे में क्या फैसला दिया था.
– पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के पुनर्विचार निर्णय में सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त 2028 में एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया, जिसमें राज्यों को आरक्षण के संबंध में अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) जैसे आरक्षित श्रेणी समूहों को उप-वर्गीकृत करने का अधिकार दिया गया. कोर्ट ने कहा कि एसटी-एसटी क्रीमीलेयर को लेकर रिजर्वेशन में कैटेगरी बनाई जा सकती है.
उसने ये फैसला 6-1 के बहुमत से किया था. इस फैसले ने ई.वी. चिन्नैया बनाम आंध्र प्रदेश राज्य मामले में 2004 के फैसले को पलट दिया, जिससे भारत में आरक्षण नीतियों का परिदृश्य मौलिक रूप से बदल गया.
– न्यायालय ने फैसला दिया कि राज्यों को संवैधानिक रूप से पिछड़ेपन के विभिन्न स्तरों के आधार पर अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों को उप-वर्गीकृत करने की अनुमति है.
सात न्यायाधीशों की पीठ ने फैसला सुनाया कि राज्य अब सबसे वंचित समूहों को बेहतर सहायता प्रदान करने के लिए 15% आरक्षण कोटे के भीतर अनुसूचित जातियों को उप-वर्गीकृत कर सकते हैं.
न्यायालय ने कहा कि उप-वर्गीकरण मनमाने या राजनीतिक कारणों के बजाय अनुभवजन्य आंकड़ों और प्रणालीगत भेदभाव के ऐतिहासिक साक्ष्य पर आधारित होना चाहिए. न्यायालय ने स्पष्ट किया कि किसी भी उप-वर्ग के लिए 100% आरक्षण स्वीकार्य नहीं है.