तिब्बत में चीनी बैलिस्टिक मिसाइल की तैनाती क्यों? डर भारत से है या कोई और वजह
चीन पहले से ही दुनिया का सबसे ताकतवर देश बनने की होड़ में लगा हुआ है. कुछ साल पहले तक तो यह रास्ता आसान हुआ करता था. क्योंकि सिर्फ अमेरिका से ही उसे चुनौती मिलती थी लेकिन अब भारत से भी चुनौती मिल रही है. अमेरिका के गुआम मिलेट्री बेस पर तैनाती चीन के लिए साउथ चाइना सी में एक बड़ी समस्या है. ताइवान पर चीन के कब्जे का सबसे बड़ा रोड़ा है. उसी रोड़े को खत्म करने के लिए चीन लगातार अपने रॉकेट फ़ोर्स की ताक़त में इजाफा कर रहा है. उसी के तहत चीन ने साल 2016 में अपनी रॉकेट फोर्स में डॉंग फेंग DF-26 इंटरमीडिएट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल को शामिल किया है. इसे गुआम किलर के नाम से भी जाना जाता है. यानी की गुआम में अमेरिकी बेस इसकी जद में है. चीन के लिए अमेरिका चुनौती है लेकिन तिब्बत में इसे तैनात करना भारत से मिल रही चुनौती को भी दिखाता है.
गुआम किलर का WTC में क्या काम?
भारत से लगती चीन की वेस्टर्न थिएटर कमॉड (WTC) में पिछले कुछ सालों में बड़ी हलचल रही है. भारत और चीन के बीच 2020 में शुरु हुए विवाद के बीच साल 2022-23 में चीन ने अपने DF-26 यानी गुआम किलर को WTC में तैनात तक दिया. वजह साफ है कि अब चीन भारत को भी एक बडा खतरा मानने लगा है. भारत की चुनौतियों को ध्यान रखते हुए ही चीनी पीएलए ने वेस्टर्न थियेटर कमॉड में नया मिसाइल ब्रिगेड को स्थापित किया. यह चीनी 64 मिसाइल बेस का हिस्सा है. इस ब्रिगेड में इंटरमीडिएट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल DF-26 की तैनाती की गई है. इस मिसाइल की रेंज 4000 से 5000 किलोमीटर है. यह मिसाइल सिस्टम 10 पहिए वाली गाड़ी पर तैनात है. इसे आसानी से जरूरत के हिसाब से मूव किया जा सकता है. इस मल्टी रोल DF-26 के डिज़ाइन की खासियत यह है कि इसमें कनवेशनल वॉरहेड को कम समय में न्यूक्लियर वॉरहेड से बदल जा सकता है.
जमीन से सुमद्र में मार करने की साजिश
DF-26 से लैंड अटैक के साथ साथ पश्चिमी प्रशांत महासागर, हिंद महासागर क्षेत्र और साउथ चाईना सी में एंटी शिप स्ट्राइक को अंजाम दे सकता है. अमेरिका की एक रिपोर्ट में इस बात का भी खुलासा किया गया कि DF-26 की जद में पूरा भारत और हिंद महासागर क्षेत्र का आधा हिस्सा आ जाता है. चीन किसी भी वॉरशिप को निशाना बना सकता है. जानकारों की माने तो इस ब्रिगेड की तैनाती भारत के अग्नि 5 के जवाब में की गई है. भारतीय अग्नि 5 की जद में बीजिंग सहित चीन के बड़े शहर है. अब तो भारत के पास कई ऐसी मिसाइल है जो चीन के भीतर दूर तक मार कर सकती है.
DF-26 का तोड़ भारत ने किया तैनात
चीन ने WTC में DF-26 की तैनाती की है तो भारत ने भी इस गुआम किलर DF-26 मिसाइल का तोड़ भी तैनात कर दिया है. भारत ने रूस से लिए S-400 एयर डिफेंस सिस्टम चीन के किसी भी गुआम किलर को ध्वस्त करने के लिए तैनात किया हुआ है. भारत ने रूस से पांच S-400 सिस्टम लेने की डील की है. इनमें से 3 सिस्टम भारत को मिल चुके है. S-400 की मारक क्षमता 400 किलोमीटर है. दुश्मन के किसी भी एरियल अटैक जिसमें स्ट्रेटिजिक बॉम्बर, इलेक्ट्रिक वॉरफ्यर प्लेन, टोही विमान, अर्ली वॉर्निग रडार एयरक्रफ्ट, फाइटर एयरक्रफ्ट, आर्मड ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइल तक के हमले को रोक सकता है. इसके शक्तिशाली रडार तो 600 किलोमीटर दूर से दुश्मन के एरियल टार्गेट को ट्रैक कर लेता है. जैसे ही टार्गेट रेंज में आता है तो मिसाइल लॉंच हो जाती है. चीन की रॉकेट फोर्स के पास अलग अलग रेंज के मिसाइले हैं. जिनका इस्तेमाल जंग के दौरान चीन जरूर करेगा, इसी को ध्यान में रखकर भारत ने S-400 को तैनात किया हुआ है.