लक्ष्मी स्व-सहायता समूह की महिलाएं, बकरी पालन कर आर्थिक रूप से हो रही हैं आत्मनिर्भर

उत्तर बस्तर कांकेर. जगार से जोड़ने के लिए छत्तीसगढ़ शासन द्वारा विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही है। जिले में दुर्गूकोंदल विकासखण्ड के लक्ष्मी स्व-सहायता समूह की महिलाएं बकरी पालन कर आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो रही हैं। लक्ष्मी स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती सोनबती ने बताया कि दुर्गूकोंदल विकासखण्ड के दसकसा सेक्टर अंतर्गत आंगनबाड़ी केन्द्र चिहरो क्रमांक-01 द्वारा लक्ष्मी स्व-सहायता समूह का गठन किया है, जिसमें 10 महिलाएं शामिल हैं। इन महिलाओं ने कुछ करने और अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने की ठानी, तभी सेक्टर पर्यवेक्षक एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा महिलाओं को बकरी पालन करने के लिए प्रोत्साहित किया गया। बकरी पालन हेतु यहां की भौगोलिक स्थिति भी अनुकूल है, तभी समूह की महिलाएं बकरी पालन करने के लिए तैयार हो गई और ऋण लेने का योजना बनाई। समूह की महिलाओं द्वारा छत्तीसगढ़ महिला कोष से 50 हजार रूपये का ऋण लिया गया। इन पैसों से महिलाओं ने 10 बकरी खरीदी और बारी-बारी से ये महिलायें बकरियों को चराने का काम करती हैं और सभी महिलाएं सक्रिय होकर कार्य कर रही हैं। धीरे-धीरे बकरियां की संख्या में वृद्धि होने लगी और बकरियों के बढ़ने पर एक बकरी को 10 से 12 हजार रूपये में बेचकर अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत कर रही हैं। इस तरह से समूह की महिलाओं द्वारा अब तक लगभग पांच लाख रूपये की आमदनी प्राप्त कर चुके हैं। बकरी पालन से महिलाएं आत्मनिर्भर होकर अपने जीवन स्तर में सुधार ला रही है।

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