उत्तराखंड पहुंचा एनएसजी कमांडो का पार्थिव शरीर, चित्रशिला घाट में सैन्य सम्मान के साथ अंत्येष्टि; 20 नवंबर को थी शादी
NSG Commando Suicide एनएसजी कमांडो नरेंद्र सिंह भंडारी के पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव बिंदुखत्ता लाया गया जहां अंतिम संस्कार पूर्ण सैन्य सम्मान के साथ किया गया। उनके स्वजनों और ग्रामीणों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। अंतिम यात्रा में चल रहे सेना एवं निजी वाहनों में सवार क्षेत्र वासियों द्वारा भारत माता की जय के जयघोष किए जा रहे थे। नरेंद्र सिंह भंडारी ने दिल्ली में आत्महत्या कर ली थी।
HIGHLIGHTS
- एनएसजी कमांडों नरेंद्र की अंतिम यात्रा
- स्वजनों के करुण रुंदन को सुनकर हर किसी की आखें भर आई
गोली मारकर आत्महत्या कर ली
नरेंद्र के शव को देखते ही उसकी माता माधवी देवी व छोटी बहन हीरा भंडारी दहाड़े मारकर रोने लगी। वह कई बार गश खाकर बेहोश हो गई। जबकि उसके दोनो बड़े भाई व अन्य स्वजन भी अपने आंशू नही रोक सके। उनके करुण रुंदन को सुनकर वहां खडे हर किसी की आंखे भर गई।
एनएसजी बटालियन में था सभी का प्रिय
लालकुआं: एनएसजी कमांडों नरेंद्र सिंह भंडारी की मौत कर हर किसी ने दु:ख व्यक्त किया। उनके शव के साथ पहुंचे सैनिकों ने बताया कि नरेंद्र काफी मिलनसार व हंशमुख व्यवहार का धनी था। इसलिए एनएसजी बटालियन में भी वह सभी का प्रिय था।
उनकी मौत से पूरी बटालियन में शाेक छाया है। इधर उनके मित्रों व आस पास के लोगों ने बताया कि वह छ्ट्टी आने के बाद सभी से मिलता था। सभी को उसके घर आने के इंतजार था। और पूरा गांव उसकी 20 नवंबर को होने वाले विवाह की तैयारियों में व्यस्त था।
पूर्व सनिकों ने दी श्रद्धांजलि
लालकुआं: एनएसजी के कंमाडो की मौत पर पूर्व सैनिक संगठन एवं कुमाऊं रेजीमेंट के जवानों एवं अधिकारियों ने श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया। जिसमें क्षेत्रवासियों, सैनिकों, अधिकारियों, पुलिस तथा पूर्व सैनिकों ने पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए श्रद्धांजलि दी। अंतिम यात्रा में चल रहे सेना एवं निजी वाहनों में सवार क्षेत्र वासियों द्वारा भारत माता की जय के जयघोष किए जा रहे थे।विधायक डा मोहन बिष्ट, पूर्व विधायक नवीन दुम्का, जिला पंचायत सदस्य कमलेश चंदोला, तहसीलदार युगल किशोर पांडे, इंदर सिंह बिष्ट, दीपक जोशी, पूर्व सैनिक संगठन के अध्यक्ष खिलाफ सिंह दानू, सुंदर सिंह खनका, कुंदन सिंह मेहता, दलबीर सिंह कफोला, प्रकाश मिश्रा, पुष्कर दानू सहित सैकड़ों की संख्या में क्षेत्रवासी मौजूद थे।