Bhai Dooj 2024: भैया दूज पर सौभाग्य और शोभन योग में बहनों ने भाई को लगाया तिलक
दीपावली के पांच दिवसीय पर्व का समापन भाई दूज के साथ होगा, जहां बहनें सौभाग्य और शोभन योग में अपने भाइयों का तिलक कर उनकी लंबी उम्र और समृद्धि की कामना करेंगी। शास्त्रों के अनुसार, यमराज ने द्वितीया तिथि पर अपनी बहन यमुना से मिलने का आशीर्वाद दिया था, जिससे भाई दूज की परंपरा का जन्म हुआ। इस बार भाई दूज पर विशेष योग का संयोग बना है।
HIGHLIGHTS
- भाई दूज के साथ आज समाप्त होगा पांच दिवसीय दीपावली पर्व।
- कार्तिक द्वितीया तिथि पर यमराज अपनी बहन यमुना से मिलने आए थे
- भाई दूज पर बहनें भाई की लंबी उम्र और समृद्धि की कामना करेंगी।
रायपुर। पांच दिनों से मनाए जा रहे दीपावली पर्व का समापन रविवार को भाई दूज मनाने के साथ होगा। सौभाग्य और शोभन योग के संयोग में बहनें, अपने भाइयों के ललाट पर तिलक लगाकर भाई की सुख, समृद्धि की प्रार्थना करेंगी। भाई भी अपनी बहन की रक्षा करने और सुख, दुख में हमेशा साथ देने का वचन देंगे।
शास्त्रों में उल्लेखित है कि यमुना अपने भाई यमराज के घर आने का वर्षों तक इंतजार करतीं रहीं। कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि पर यमराज अपनी बहन यमुना से मिलने पहुंचे। भाई यमराज को घर आया देखकर यमुना प्रसन्न हुई। यमुना ने अपने भाई के माथे पर तिलक लगाकर स्वागत किया।
यमराज ने वरदान दिया कि यदि कोई भी भाई द्वितीया तिथि पर अपनी बहन से मिलने उसके घर जाए तो उसे अकाल मृत्यु का भय नहीं रहेगा। इस दिन यमुना नदी में भाई-बहन एक साथ स्नान करने डुबकी लगाएं तो उनकी मनोकामना पूरी होगी।
सौभाग्य और शोभन योग आज
ज्योतिषाचार्य डा.दत्तात्रेय होस्केरे के अनुसार 3 नवंबर को यम द्वितीया मनाई जाएगी। इसे भाई दूज भी कहा जाता है। रविवार को शनि प्रधान अनुराधा नक्षत्र और सौभाग्य तथा शोभन योग होने से भाई को प्रधान दीर्घायु का वरदान प्राप्त होगा और संबंध मधुर होंगे। ह
म सभी अवगत हैं कि शनि और यम भाई हैं और यमुना इनकी बहन है। शास्त्रों में वर्णित है कि इस दिन यम अपनी बहन यमुना से मिलने यमुना के तट पर आते है। यम का वरदान भी है कि इस दिन यमुना में स्नान करने से वे दीर्घायु प्रदान करेंगे। इस तरह यह भी दीर्घायु प्रदान करने वाला लक्ष्मी कारक दिन है।
टीका लगाने का शुभ मुहूर्त
सुबह : 7.09 से 9.24 बजे तक
दोपहर : 1.18 से 2.52 बजे तक
शाम : 6.06 से 8.06 बजे तक
ऐसे लगाएं तिलक
– पूजा की थाली में सिंदूर, चंदन, फल, फूल, मिठाई और सुपारी रखें। – चावल से चौक बनाएं।
– भाई को तिलक लगाकर फल, सुपारी, चीन, पान पत्ता, काला चना देकर आरती उतारें।
– भाई, अपनी बहन के घर जाकर तिलक लगवाएं। इस दिन बहन, अपने भाई को भोजन कराएं।