रायपुर दक्षिण विधानसभा का रण: कांग्रेस में नहीं थम रही अंतर्कलह, भाजपा में भी इस्तीफे का दौर

राजनीतिक माहौल छत्तीसगढ़ के रायपुर दक्षिण विधानसभा में गरमाया हुआ है। कांग्रेस में टिकट वितरण के बाद अंतर्कलह शुरू हो गई है, जिसका उदाहरण नामांकन रैली में देखने को मिला, जहां पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज के बीच असहजता नजर आई। दूसरी ओर, भाजपा में भी सुनील सोनी को प्रत्याशी बनाए जाने के बाद युवा मोर्चा के सदस्य संदीप तिवारी ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया।

HIGHLIGHTS

  1. नामांकन रैली में कांग्रेस के दिग्‍गज नेता बैज, पूर्व सीएम के बीच अनबन।
  2. सुनील सोनी को प्रत्याशी बनाए जाने के बाद संदीप तिवारी ने दिया इस्तीफा।
  3. टिकट के दावेदार कांग्रेस बैठक में शामिल नहीं हुए, लेकिन रैली में पहुंचे।

रायपुर। दक्षिण का रण और भी रोचक होता जा रहा है। हालात इस कदर हैं कि टिकट की घोषणा के बाद दोनों प्रमुख राजनीतिक पार्टियों में अंतर्कलह की शुरुआत हो चुकी है। इस बार यह संघर्ष केवल राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि इसमें पार्टी में एकजुब्‍ता की कमी भी साफ देखी जा रही है। इसका स्पष्ट उदाहरण कांग्रेस द्वारा गुरुवार को आयोजित नामांकन रैली में देखने को मिला।

कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नामांकन रैली के दौरान मंच पर चढ़ने के लिए पूर्व मंत्री चरणदास महंत को हाथ देकर मदद की। लेकिन इसके ठीक बाद जब प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज मंच पर चढ़ने की कोशिश करने लगे, तो भूपेश ने भी उन्हें हाथ बढ़ाया। लेकिन आश्चर्यजनक रूप से दीपक बैज ने भूपेश का हाथ नहीं पकड़ा और बिना किसी सहारे के ही मंच पर चढ़ गए। अब इसे लेकर पार्टी में अंतर्कलह को लेकर चर्चा तेज हो गई है। साथ ही यह सवाल खड़ा करती है कि क्या कांग्रेस के भीतर ही विभिन्न गुटों के बीच विश्वास की कमी है।naidunia_image

सुनील सोनी को प्रत्याशी बनाए जाने पर इस नेता ने दिया इस्‍तीफा

वहीं दूसरी ओर, भाजपा में भी स्थिति कुछ अलग नहीं है। रायपुर दक्षिण विधानसभा उपचुनाव के लिए सुनील सोनी को प्रत्याशी बनाए जाने के बाद भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य संदीप तिवारी ने अपने विरोध के संकेत देते हुए सोशल मीडिया पर इस्तीफा पोस्ट कर दिया। उन्होंने यह भी बताया कि वे जल्द ही एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर मीडिया के सामने अपने विचार रखेंगे। इस प्रकार की गतिविधियां यह दिखाती हैं कि पार्टी के भीतर भी असंतोष बढ़ रहा है, जो चुनावी लड़ाई को और भी दिलचस्प बना रहा है।

बैठक से रहे नदारद, लेकिन रैली में पहुंचे

कांग्रेस की ओर से आकाश शर्मा को टिकट दिए जाने के बाद पार्टी ने कार्यकर्ताओं में उत्साह भरने के लिए बैठक बुलाई थी। लेकिन आश्चर्यजनक रूप से टिकट के तीनों दावेदारों ने बैठक में शामिल होने से परहेज किया। इसके बाद सोशल मीडिया पर उनकी ओर से कुछ पोस्ट भी देखी गईं, जिसमें उन्होंने अपनी असहमति जताई। हालांकि, गुरुवार को नामांकन रैली में सभी दावेदार अपने-अपने क्षेत्र से कार्यकर्ताओं को लेकर पहुंचे, जो इस बात का संकेत है कि वे अपने-अपने हितों की रक्षा के लिए तैयार हैं।

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