निजी विश्वविद्यालयों की डिग्रियों और प्रमाण-पत्रों का हिसाब रखेगी सरकार
अभी तक विश्वविद्यालय अपने डाटा के लिए स्वतंत्र हैं। उनके यहां से निकलने वाले विद्यार्थियों के डाटाबेस की जानकारी केवल विश्वविद्यालयों तक ही सीमित है। नई व्यवस्था लागू होने के बाद फीस जमा करने के बाद विद्यार्थी का दाखिला होते ही उसका रिकॉर्ड ऑनलाइन हो जाएगा। यह डेटा निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग की वेबसाइट Purc.Cgstate.Gov.In पर अपडेट किया जाएगा।
HIGHLIGHTS
- विद्यार्थियों का देना होगा रियल टाइम डाटा।
- डिग्री-डिप्लोमा का नहीं हो सकेगा फर्जीवाड़ा।
- शिक्षा की गुणवत्ता पर दिखेगा इसका असर।
रायपुर। बैकडेट पर डिग्रियां जारी करने और फर्जीवाड़े की शिकायतों के मद्देनजर राज्य सरकार निजी विश्वविद्यालयों के लिए कड़े प्रविधान करने जा रही है। उच्च शिक्षा विभाग ने निजी विश्वविद्यालयों पर शिकंजा कसने के लिए रियल टाइट डाटा व्यवस्था लागू करने की तैयारी की है।
अब हर निजी विश्वविद्यालय के डाटाबेस को निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग अपने पास रखेगा। यानी सभी के डिग्री-डिप्लोमा और अन्य प्रमाण-पत्रों का हिसाब-किताब होगा। इसके लिए निजी विश्वविद्यालयों को रियल टाइम डाटा देना होगा।
ऑनलाइन हो जाएगा छात्र का रिकॉर्ड
फीस जमा करने के बाद विद्यार्थी का दाखिला होते ही उसका रिकॉर्ड ऑनलाइन हो जाएगा। यह डेटा निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग की वेबसाइट purc.cgstate.gov.in पर अपडेट किया जाएगा। किस विषय के लिए कब से मान्यता मिली है, इसकी जानकारी भी वेबसाइट पर अपडेट करनी होगी।
इससे यह जानकारी रहेगी कि किस विश्वविद्यालय में कौन-कौन से मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रम संचालित हो रहे हैं। अभी तक विश्वविद्यालय अपने डाटा के लिए स्वतंत्र हैं। उनके यहां से निकलने वाले विद्यार्थियों के डाटाबेस की जानकारी केवल विश्वविद्यालयों तक ही सीमित है।
रियल टाइम डाटा से यह होगा फायदा
निजी विश्वविद्यालयों के रियल टाइम डाटा का डाटाबेस तैयार होने से इसका फायदा शिक्षा की गुणवत्ता पर भी पड़ेगा। यदि कोई विद्यार्थी किसी तरह साठ-गांठ करके फर्जी डिग्री या प्रमाण-पत्र बनाने की कोशिश करता है तो आनलाइन दर्ज डाटाबेस से उसके दाखिले और परीक्षा की स्थिति का पता लगाया जा सकेगा।
निजी विश्वविद्यालयों को 31 अगस्त से पहले या फिर राज्य सरकार की ओर से प्रवेश के लिए तय अंतिम तिथि तक प्रवेश देना होता है। कई बार विश्वविद्यालयों में अंतिम तारीख के बाद प्रवेश दिया जाता है। रियल टाइम डाटा आने के बाद नए विद्यार्थी की एंट्री नहीं की जा सकेगी।
राज्य में संचालित हो रहे हैं 17 निजी विश्वविद्यालय
प्रदेश में 17 निजी विश्वविद्यालय संचालित हो रहे हैं। इनमें डॉ. सी.वी. रमन विश्वविद्यालय, कोटा, बिलासपुर, मैट्स विश्वविद्यालय, आरंग, रायपुर, कलिंगा विश्वविद्यालय, कोटनी, नवा रायपुर, आइसीएफएआइ विश्वविद्यालय रायपुर, आइटीएम विश्वविद्यालय, उपरवारा, नवा रायपुर, एमिटी विश्वविद्यालय माठ, रायपुर, ओपी जिंदल विश्वविद्यालय रायगढ़, आईएसबीएम विश्वविद्यालय छुरा, गरियाबंद, एएएफटी यूनिवर्सिटी ऑफ मीडिया एंड आर्ट्स, रायपुर, श्री रावतपुरा सरकार विश्वविद्यालय माना, रायपुर, महर्षि यूनिवर्सिटी ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलाजी बिलासपुर, केके मोदी विश्वविद्यालय ग्राम-महमरा, दुर्ग, देव संस्कृति विश्वविद्यालय, ग्राम-सांकरा दुर्ग, श्री शंकराचार्य प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, जुनवानी भिलाई, दुर्ग, भारती विश्वविद्यालय ग्राम-चंदखुरी, दुर्ग, आंजनेय विश्वविद्यालय, ग्राम-नरदहा रायपुर और श्री दावड़ा विश्वविद्यालय अभनपुर रायपुर शामिल हैं।