मोबाइल फ़ोन एडिक्शन:दुष्प्रभाव से बचने हफ्ते में एक दिन डिजिटल डिटॉक्स है जरूरी
इंटरनेट आज हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है और आलम यह है कि इससे एक पल भी दूर रह पाना नामुमकिन सा लगता है। दिनभर स्मार्टफोन, टैब या लैपटाप पर नजरें बनाए रखने की आदत आपकी मानसिक सेहत के लिए खतरा बन सकती है।
HIGHLIGHTS
- स्मार्टफोन, टैब या लैपटाप पर दिनभर नजरें बनाए रखने की आदत मानसिक सेहत के लिए खतरा।
- अब लोग सार्वजनिक सभा के वक्त एक-दूसरे से बातें कम स्मार्टफोन का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं।
- वर्चुअल वर्ल्ड में ज्यादा वक्त बिताना लाइफ स्टाइल के लिए ठीक नहीं। एकाग्रता भी हो सकती है बाधित।
बिलासपुर। बढ़ती डिजिटल निर्भरता और स्क्रीन टाइम हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव छोड़ रहे है। लगातार मोबाइल, लैपटाप और टीवी की स्क्रीन पर वक्त बिताने से लोगों में तनाव, नींद की कमी विशेष कर आंखों की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। ऐसे में हफ्ते में एक दिन खुद को डिजिटल डेटाक्स करना न केवल जरूरी है, बल्कि यह आपके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद भी हो सकता है। डिजिटल डेटाक्स का मतलब है एक दिन के लिए सभी डिजिटल डिवाइस से दूरी बनाना। स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते है कि इससे मानसिक शांति और तनाव कम करने में मदद मिलती है।
संबंधों में सुधार और समय का बेहतर उपयोग
साइकोलाजिस्ट डा. गामिनी वर्मा बताती है कि डिजिटल डेटाक्स न केवल स्वास्थ्य के लिए बल्कि पारिवारिक और सामाजिक संबंधों को मजबूत करने के लिए भी महत्वपूर्ण है। फोन और अन्य डिवाइस से दूर रहने से आप अपने परिवार और दोस्तों के साथ क्वालिटी टाइम बिता सकते हैं। इससे न केवल रिश्ते मजबूत होते हैं, बल्कि आपके समय का भी बेहतर उपयोग होता है, जैसे कि किताबें पढ़ना या कोई नया शौक अपनाना।
दो साल तक बच्चों के हाथों में ना दें मोबाइल
शिशु रोग विशेषज्ञ डा. पी गुप्ता बताते है कि इंटरनेशनल गाइडेंस फार चिल्ड्रेन की गाइडलाइन के अनुसार जब तक बच्चा दो वर्ष का न हो उसे स्क्रीन से दूर रखा जाना ही उचित है। बच्चा जब दो साल का हो जाए तो उसे सिर्फ दिन दो घंटे के लिए ही मोबाइल या टीवी का उपयोग करने या उसे मनोरंजन समेत अन्य चीजों के लिए दी जानी चाहिए। अधिक समय मोबाइल पर बिताने से वह सिर्फ वही सीख पाएगा जो वह देख और सुन रहा है
शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी है फायदेमंद
स्क्रीन टाइम कम करने से शारीरिक समस्याएं जैसे आंखों में जलन, पीठ और गर्दन में दर्द, और नींद की कमी से छुटकारा मिलता है। इसके अलावा इस दौरान बाहर की गतिविधियों जैसे टहलना, व्यायाम करना, या प्रकृति के साथ समय बिताना शारीरिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है।