Putrada Ekadashi 2024 Date: 16 अगस्त को मनाई जाएगी सावन की पुत्रदा एकादशी, दान करने से मिलेगा कई गुना फल

हर साल महिलाएं संतान प्राप्ति और अपने बच्चों की खुशहाली के लिए कई व्रत रखती हैं। रक्षाबंधन से पहले आने वाली एकादशी को पुत्रदा एकादशी कहा जाता है। इस दिन दान-पु्ण्य करने का बहुत महत्व बताया गया है। साथ ही इस दिन व्रत रखने से घर में खुशहाली आती है।

HIGHLIGHTS

  1. सावन माह के शुक्ल पक्ष में भी एक पुत्रदा एकादशी मनाई जाती है।
  2. व्रत रखने के साथ-साथ दान-पुण्य और कुछ उपाय भी करना चाहिए।
  3. इस व्रत के पुण्य से निसंतान दंपतियों को पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है।

धर्म डेस्क, इंदौर। Putrada Ekadashi Vrat 2024: पुत्रदा एकादशी का व्रत साल में दो बार रखा जाता है। इनमें से एक सावन के महीने में और दूसरा पौष के महीने में मनाया जाता है। वैदिक कैलेंडर के अनुसार, एकादशी शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष के 11वें दिन मनाई जाती है।

इस समय सावन का महीना चल रहा है। ऐसे में अब सावन पुत्रदा एकादशी का व्रत रखा जाएगा। यह भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित है। इस दिन भक्त भगवान विष्णु की पूजा-पाठ करते हैं और व्रत आदि रखते हैं। इस दिन व्रत रखने के साथ-साथ दान-पुण्य और कुछ उपाय भी करना चाहिए।

 

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पुत्रदा एकादशी 2024 तिथि – Putrada Ekadashi Tithi 2024

पंचांग के अनुसार, सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 15 अगस्त को सुबह 10 बजकर 26 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इसका समापन 16 अगस्त को सुबह 09:39 बजे होगा। इस तरह सावन पुत्रदा एकादशी का व्रत उदया तिथि के अनुसार, 16 अगस्त को रखा जाएगा।

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पुत्रदा एकादशी पर करें इन चीजों का दान – Putrada Ekadashi Daan 2024

अन्न

पुत्रदा एकादशी के दिन अन्न दान करने से व्यक्ति के जीवन में आने वाली सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं। साथ ही सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

हल्दी

ज्योतिष शास्त्र में हल्दी को शुभ और पवित्र माना गया है। हल्दी को समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। सावन पुत्रदा एकादशी के दिन हल्दी का दान किया जाए, तो व्यक्ति को ग्रह दोषों से मुक्ति मिलती है।

 

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तुलसी का पौधा

सावन पुत्रदा एकादशी के दिन तुलसी का पौधा दान करना बहुत शुभ होता है। ऐसा करने से आर्थिक लाभ होता है। साथ ही आपको जीवन में कभी भी धन की कमी नहीं होती है।

वस्त्र

पुत्रदा एकादशी के दिन वस्त्रों का दान भी किया जा जाता है। इस दिन वस्त्र दान करने से व्यक्ति को शुभ फल की प्राप्ति होती है।

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संतान प्राप्ति मंत्र

1. अस्य गोपाल मंत्रस्य, नारद ऋषि:

अनुष्टुप छंद:, कृष्णो देवता, म

म पुत्र कामनार्थ जपे विनियोग:।

2. ऊँ कृष्णाय विद्महे दामोदराय

धीमहि तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।

3. ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं देवकीसुत गोविन्द वासुदेव

जगत्पते देहि में तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः ।।

4. ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै।

5. क्लीं ग्लौं क्लीं श्यामलांगाय नमः।

6. ओम बाल शिवाय विदमहे कालिपुत्राय धीमहि तन्नो बटुक प्रचोदयात्।।

7. प्रेम मगन कौशल्या निसिदिन जात न जान। सुत सनेह बस माता बाल चरित कर गान।।

8. ॐ क्लीं गोपालवेषधराय वासुदेवाय हुं फट स्वाहा ।।

9. ॐ नमो भगवते जगत्प्रसूतये नमः ।।

10. शान्ताकारं भुजंगशयनं पद्मनाभं सुरेशं

विश्वाधारं गगन सदृशं मेघवर्ण शुभांगम् ।

लक्ष्मीकांत कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यं

वन्दे विष्णु भवभयहरं सर्व लौकेक नाथम्॥

यं ब्रह्मा वरुणैन्द्रु रुद्रमरुत: स्तुन्वानि दिव्यै स्तवैवेदे:।

सांग पदक्रमोपनिषदै गार्यन्ति यं सामगा:।

ध्यानावस्थित तद्गतेन मनसा पश्यति यं योगिनो

यस्यातं न विदु: सुरासुरगणा दैवाय तस्मै नम:॥

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