Rahul Gandhi: कांग्रेस नेता राहुल गांधी को 10 साल पुराने मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट से राहत, RSS पर लगाया था यह आरोप
आरएसएस पर दी गई कथित टिप्पणी के मामले में हाईकोर्ट ने राहुल गांधी को राहत देते हुए भिवंडी कोर्ट के आदेश को निरस्त कर दिया है। मानहानि का मामला दस साल पुराना है। इससे पहले साल 2021 में भी इसी मामले से जुड़ी याचिका खारिज हो चुकी है।
HIGHLIGHTS
- राहुल गांधी ने मुंबई में 2014 में की थी टिप्पणी
- आरएसएस कार्यकर्ता ने दर्ज करवाया था मामला
- कोर्ट ने अतिरिक्त दस्तावेजों को दी थी अनुमति
Rahul Gandhi एजेंसी, मुंबई। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की मानहानि से जुड़े एक मामले में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को बॉम्बे हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। शीर्ष अदालत ने उस आदेश को निरस्त कर दिया है, जिसमें भिवंडी कोर्ट ने सबूत के तौर पर कुछ अतिरिक्त दस्तावेजों को अनुमति दी थी।
राहुल गांधी की ओर से दायर याचिका पर न्यायमूर्ति पृथ्वीराज चव्हाण के समक्ष मामले की सुनवाई हुई थी। इसमें कहा गया कि भिवंडी कोर्ट ने आरएसएस पदाधिकारी राजेश कुंटे को तय समय के बाद भी कुछ दस्तावेज पेश करने की अनुमति दी थी।
बताया गया कि कोर्ट ने तीन जून को कोर्ट ने कथित मानहानिकारक भाषण की प्रतिलिपि को साक्ष्य के रूप में स्वीकार किया था और इसी के आधार पर मानहानि का मामला दर्ज किया गया था।
पहले भी खारिज हो चुकी है याचिका
बता दे कि इससे पहले 2021 आरएसएस कार्यकर्ता कुंटे ने भी एक अन्य याचिका दायर की थी, जिसमें मांग की गई थी कि राहुल गांधी कथित अपमानजनक भाषण को स्वीकार अथवा अस्वीकार करें। हालांकि, कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया था।
क्या है मामला?
दरअसल, साल 2014 में मुंबई के बाहरी इलाके में स्थित शहर में राहुल गांधी ने एक चुनावी सभा को संबोधित किया था। इसमें उन्होंने दावा किया था कि ‘आरएसएस के व्यक्ति ने गांधी की हत्या की थी।’ इसके बाद आरएसएस के एक स्थानीय पदाधिकारी ने उनके खिलाफ मामला दर्ज करवाया था।