Chhattisgarh News: 20 जुलाई तक राजस्व पखवाड़े का आयोजन, मंत्री बोले- पटवारियों से बात हुई, हड़ताल न करने को कहा
छत्तीसगढ़ में 6 से 20 जुलाई तक राजस्व पखवाड़ा आयोजित किया जा रहा है। सभी जिलों के गांवों में शिविर लगाए जाएंगे, जहां राजस्व प्रकरणों का निराकरण होगा। पटवारियों के हड़ताल की चेतावनी के बावजूद, राजस्व मंत्री वर्मा ने लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत सभी सेवाओं का समय पर निपटान सुनिश्चित किया है।
HIGHLIGHTS
- छत्तीसगढ़ के सभी जिलों के गांवों में राजस्व पखवाड़ा शुरू।
- 20 जुलाई तक प्रकरणों के निराकरण के लिए गांवों में शिविर।
- अब तक लगभग 6 लाख राजस्व प्रकरणों का निराकरण हुआ।
रायपुर । मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सरकार प्रदेश में राजस्व के लंबित प्रकरणों को सुलझाने के लिए राजस्व पखवाड़ा की शुरुआत कर दी है। प्रदेश के सभी जिलों में छह से 20 जुलाई तक राजस्व पखवाड़ा का आयोजन किया जा रहा है। राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने शनिवार को प्रेस वार्ता कर इसकी जानकारी दी।
सरकार जहां राजस्व पखवाड़ा आयोजित कर रही है, वहीं दूसरी ओर पटवारी दो दिन बाद से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी दे रहे हैं। पटवारियों के हड़ताल को लेकर राजस्व मंत्री वर्मा ने कहा कि पटवारी से हमारी बात हुई है। उनसे कहा कि सबके हित में है कि आप लोग हड़ताल पर मत जाइए।
गांवों में लगेंगे शिविर
मंत्री वर्मा ने बताया कि सभी जिलों के ग्रामों में शिविर लगाए जाएंगे। इन शिविरों के माध्यम से बी-1, खसरा के नकल एवं किसान किताबों के आवेदनों का शिविर स्थल पर ही निराकरण किया जाएगा। इसी तरह आय, जाति, निवास प्रमाण पत्र संबंधी समस्त आवेदनों को लोक सेवा केंद्र के माध्यम से ऑनलाइन प्रविष्टि और शत-प्रतिशत निराकरण किया जाएगा।
शिविर में प्राप्त होने वाले फौती नामांतरण, बटवारा, त्रुटि सुधार के प्रकरणों का मौके पर ही ऑनलाइन अपलोड कर हल्का पटवारी द्वारा प्रतिवेदन, पंचनामा आदि की प्रविष्टि एवं मौके पर इश्तेहार जारी कर पक्षकारों को तामील कराया जाकर प्रकरणों का निराकरण किया जाएगा। राज्य में अभी 7 लाख 4 हजार 154 दर्ज प्रकरणों में से 5 लाख 90 हजार 490 प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है। लंबित प्रकरणों को समय-सीमा में निराकृत करने के निर्देश संबंधित राजस्व अधिकारियों को दिए गए।
लोक सेवा गारंटी का होगा पालन
मंत्री वर्मा ने बताया कि लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2011 के तहत राजस्व विभाग के 25 सेवाओं को अधिसूचित किया गया है। इसमें नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन, व्यपवर्तन, ऋण पुस्तिका, आय, जाति, निवास प्रमाण पत्र, अपील, पुनरीक्षण, पुनर्विलोकन के मामले, त्रुटि सुधार, राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के अंतर्गत प्राकृतिक आपदा से हुए क्षति पर आर्थिक सहायता के प्रकरणों का निर्धारित समय सीमा अंदर निराकरण किया जाएगा।
विवादित प्रकरणों के निराकरण हेतु सभी राजस्व अधिकारी नियमित रूप से न्यायालय में आवश्यक प्रक्रियाओं का पालन कर गुणवत्ता युक्त निर्णय यथाशीघ्र सुनिश्चित करेंगे।
प्राकृतिक आपदा से निपटने राशि जारी
राजस्व मंत्री ने कहा कि राजस्व न्यायालय के सभी पीठासीन अधिकारियों को सभी राजस्व प्रकरणों को पंजीकृत करने, शून्य आदेश पत्र वाले प्रकरणों एवं ऐसे प्रकरण, जिसमें पेशी तारीख की तिथि अद्यतन नहीं किए है, उन्हें शीघ्र ही पूर्ण करने हेतु निर्देशित किया जा रहा है, अन्यथा अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। इसी तरह राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 अंतर्गत प्राकृतिक आपदा जैसे बाढ़, आकाशीय बिजली गिरने, अग्नि दुर्घटना से होने वाले फसल क्षति, मकान क्षति और पशु और जनहानि के लिए आर्थिक सहायता करने सभी 33 जिलों को 143 करोड़ 54 लाख रुपये की राशि जारी की जा रही है।
भू-अभिलेख संबंधी समस्याओं जैसे भुईयां सॉफ्टवेयर, भू-नक्शा एवं ई-कोर्ट में तकनीकी कारणों से होने वाले समस्या से निपटने के लिए सभी जिलों में एक-एक सहायक प्रोग्रामरों को नोडल अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया है।