Chhattisgarh News: कस्टम मिलिंग घोटाला मामले में ईडी की 5 स्थानों पर छापामार कार्रवाई
राइस कारोबारी और छत्तीसगढ़ प्रदेश राइस एसोसिएशन के पूर्व महासचिव प्रमोद अग्रवाल के ठिकाने पर दबिश दी गई।
HIGHLIGHTS
- कस्टम मिलिंग घोटाले मामले में ईडी ने आज 5 स्थानों पर छापामार कार्रवाई की।
- रायपुर और दुर्ग में दो-दो तथा खरोरा में एक स्थान पर छापा मारा।
- प्रमोद अग्रवाल के ठिकाने पर दबिश दी गई।
रायपुर। राज्य में कस्टम मिलिंग घोटाले मामले में ईडी ने आज 5 स्थानों पर छापामार कार्रवाई की। इडी टीम ने इस मामले में रायपुर और दुर्ग में दो-दो तथा खरोरा में एक स्थान पर छापा मारा।
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार राइस कारोबारी और छत्तीसगढ़ प्रदेश राइस एसोसिएशन के पूर्व महासचिव प्रमोद अग्रवाल के ठिकाने पर दबिश दी गई।
बताया जाता है कि ईटी टीम ने राइस मिल, ऑफिस और निवास पर छापा मारा है। कारोबारी प्रमोद अग्रवाल के खरोरा और रायपुर स्थित ठिकानों पर दबिश दी गई है।
दुर्ग में एक कारोबारी के 2 ठिकाने जो मार्कफेड के पूर्व एमडी मनोज सोनी से जुड़े हैं पर छापा डाला गया है। ईडी द्वारा गिरफ्तार रोशन चंद्राकर से पूछताछ में मिले क्लू के बाद छापामार कार्रवाई की गई है।
छत्तीसगढ़ के कस्टम मिलिंग घोटाले में पूर्व एमडी मनोज सोनी और राइस मिलिंग के पूर्व कोषाध्यक्ष रोशन चंद्राकर की गिरफ्तारी के बाद कई अन्य लोगों के नाम सामने आए इसके बाद अब ईडी ने छापामार कार्रवाई की है। आज सुबह जिनके यहां छापा पड़ा है वो इन दोनों आरोपियों से मिल कर पूरा खेल कर रहे थे। वसूली की रकम इन तक भी पहुंच रही थी।
जानिए क्या है कस्टम मिलिंग घोटाला
धान की कस्टम मिलिंग में बड़ा घोटाला करने का आरोप है। जानकारी के अनुसार इसके सूत्रधार मार्कफेड के तत्कालीन अफसर मनोज सोनी हैं। इस मामले की ईडी जांच में पाया गया है कि खरीफ वर्ष 2021-22 तक सरकार द्वारा धान का प्रति क्विंटल 40 रुपये भुगतान किया गया।
धान की कस्टम मिलिंग के लिए दी जाने वाली रकम सरकार ने तीन गुनी बढ़ा दी। 120 रुपये प्रति क्विंटल धान का भुगतान दो किश्तों में किया गया। आरोप है कि अफसरों ने आधी रकम मार्कफेड के एमडी मनोज सोनी के साथ मिलकर वसूल ली। घोटाले की शर्तों के तहत नकद राशि का भुगतान करने वालों का विवरण जिला विपणन अधिकारी को भेजा गया। उनके माध्यम से ब्यौरा मार्कफेड एमडी तक पहुंचा।
एमडी द्वारा केवल उन्हीं के बिलों को भुगतान के लिए मंजूरी दी गई, जिन्होंने नकद राशि का भुगतान किया। विशेष भत्ता 40 रुपये से बढ़ाकर 120 रुपये क्विंटल करने के बाद प्रदेश में 500 करोड़ रुपये के भुगतान जारी किए गए, जिसमें से 175 करोड़ रुपये की रिश्वत वसूली गई। ईडी ने तलाशी में विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज, डिजिटल उपकरण और 1 करोड़ की बेहिसाब नकद राशि जब्त की है।