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Jyeshtha Kalashtami 2024: कालाष्टमी 30 मई को, राहु और शनि दोष दूर करना है तो ऐसे करें पूजा

भगवान काल भैरव को भोलेनाथ का रौद्र स्वरूप माना जाता है। यदि किसी जातक की कुंडली में राहु दोष या शनि दोष होता है तो भगवान काल भैरव की पूजा करना शुभ माना जाता है।

HIGHLIGHTS

  1. भगवान काल भैरव को नारियल, गेरुआ सिंदूर, इमरती, पान जरूर अर्पित करना चाहिए।
  2. गृहस्थ जीवन वालों को बटुक भैरव की उपासना करनी चाहिए।
  3. कालाष्टमी के दिन बटुक भैरव कवच का पाठ भी करना चाहिए।

धर्म डेस्क, इंदौर। हिंदू धर्म में कालाष्टमी व्रत का विशेष महत्व है। हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को Kalashtami मनाई जाती है। पौराणिक मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव के काल भैरव रूप से पूजा करने से सभी संकट दूर होते हैं। ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 30 मई 2024 को है। पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, भगवान काल भैरव को भोलेनाथ का रौद्र स्वरूप माना जाता है। यदि किसी जातक की कुंडली में राहु दोष या शनि दोष होता है तो भगवान काल भैरव की पूजा करना शुभ माना जाता है। भगवान काल भैरव की भक्ति करने से शत्रु, रोग, अकाल मृत्यु का भय खत्म हो जाता है।

ज्येष्ठ कालाष्टमी पर पूजा का मुहूर्त

बाबा काल भैरव की पूजा करने से राहु और केतु जैसे अशुभ ग्रहों का प्रभाव खत्म हो जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 30 मई 2024 को सुबह 11.43 बजे पर शुरू होगी और 31 मई 2024 को सुबह 09.38 बजे खत्म होगी। इस दिन बाबा काल भैरव की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 10.35 बजे से दोपहर 12.19 बजे तक रहेगा। वहीं रात्रि काल में पूजा का मुहूर्त रात 11.58 बजे से 12.39 बजे तक रहेगा।

गृहस्थ जीवन में ऐसे करें पूजा

भगवान काल भैरव को नारियल, गेरुआ सिंदूर, इमरती, पान जरूर अर्पित करना चाहिए। गृहस्थ जीवन वालों को बटुक भैरव की उपासना करनी चाहिए। कालाष्टमी के दिन बटुक भैरव कवच का पाठ भी करना चाहिए। इस पाठ को करने से फलदायी माना जाता है।

इन मंत्रों का करें जाप

“ॐ तीखदन्त महाकाय कल्पान्तदोहनम्।

भैरवाय नमस्तुभ्यं अनुज्ञां दातुर्माहिसि।”

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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