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Panchayat 3: Neena Gupta और जितेंद्र कुमार पर ‘पंचायत’ ने डाला है गहरा असर, गांव की लाइफस्टाइल को करते हैं पसंद

HIGHLIGHTS

  1. सीरीज में नीना गुप्ता ने गांव की प्रधान का किरदार निभाया है।
  2. जितेंद्र कुमार ने पंचायत सचिव की भूमिका निभाई है।
  3. नीना गुप्ता ने हाल ही में ‘पंचायत’ से जुड़े अपने एक्सपीरियंस पर बात की।

एंटरटेनमेंट डेस्क, इंदौर। Panchayat 3: ओटीटी की मोस्ट फेमस वेब सीरीज ‘पंचायत 3’ की रिलीज का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है। ग्रामीण जीवन शैली पर आधारित इस सीरीज से लोग काफी रिलेट करते हैं, जिसके कारण इसे दर्शकों का भरपूर प्यार मिला है। सीरीज में नीना गुप्ता ने गांव की प्रधान और जितेंद्र कुमार ने पंचायत सचिव की भूमिका निभाई है। इन दोनों कलाकारों के साथ-साथ सीरीज के सभी किरदारों ने लोगों के दिलों में अपनी एक अलग ही जगह बनाई है। बस कुछ ही दिनों में पंचायत का तीसरा सीजन रिलीज होने जा रहा है।

 
 
 

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“कम जरूरतों में भी काम हो सकता है”

हाल ही में जागरण को दिए गए एक इंटरव्यू जब नीना गुप्ता ने ‘पंचायत’ से जुड़े अपने एक्सपीरियंस पर बात की। उन्होंने बताया, “सादगी और ईमानदारी। ये दो चीजें हमारी पंचायत की शक्ति हैं। आम तौर पर लोग भटक जाते हैं। ग्लैमर को लेकर बहुत ज्यादा नाटकीय हो जाते हैं। पंचायत ने इस शक्ति को संजोकर रखा है। इसी वजह से शो के पिछले सीजन को काफी पसंद किया गया है।”

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इस पर सहमति जताते हुए, “जितेंद्र कहते हैं, मैं भी यही मानता हूं। आप जब मुंबई में रहते हैं, तो आपको हर तरह की सुविधा मिलती है। जब आप गांव जाते हैं, तो वहां की जिंदगी देखते हैं और लगता है कि कम जरूरतों में भी काम हो सकता है।”

 

 

 

 

सीरीज का मेन कैरेक्टर है ‘लौकी’

 

“आप इसी में खुश रह सकते हैं। गांव में कुछ समय शूट करके शहर लौटने के बाद उन बातों को मैं खुद पर लागू करता हूं, जिससे मुझे लगता है कि कम में भी खुश हूं।” इसके आगे जब दोनों कलाकारों से सीरीज का फेमस कैरेक्टर लौकी को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा, बचपन में तो यह सब्जी बिल्कुल पसंद नहीं थी। शो में दिखाया भी गया है कि अभिषेक त्रिपाठी को लौकी पसंद नहीं है, वैसा ही मेरे साथ रहा है। अभी कुछ सालों से ही मैं खाने लगा हूं। वहीं, “नीना इस पर कहती हैं, गर्मी के दिन हैं, तो लौकी-तोरई के दिन हैं। जितेंद्र तू ऐसे बोलेगा, तो लगेगा कि बूढ़ा हो गया है क्योंकि जवानी में किसी को भी लौकी खाना पसंद नहीं होता है। बुढ़ापे में ही सब लौकी-तोरई खाते हैं।

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