बिलासपुर रेलवे नार्थ ईस्ट इंस्टीट्यूट की चाह, आत्मरक्षा में निपुण हो बेटियां, प्रदेश व देश का नाम करें रोशन
खेल को लेकर गजब उत्साह है। यही कारण है कैंप के समय से पहले पहुंच जाती है। इसके अलावा खिलाड़ियों के बीच समय-समय अभ्यास मुकाबला भी कराया जाता है, ताकि उनका मनोबल बढ़े।
HIGHLIGHTS
- बिलासपुर रेलवे नार्थ ईस्ट इंस्टीट्यूट दे रहा प्रशिक्षण।
- मार्शल आर्ट सीखने की ललक देखकर प्रशिक्षक भी उन्हें आत्मरक्षा का हर वह पैंतरे सीखा रहे हैं।
- अभिभावक भी बेटियों का मजबूत बना रहे हैं, ताकि भविष्य में वह किसी पर आश्रित न रहे।
उनमें मार्शल आर्ट सीखने की ललक देखकर प्रशिक्षक भी उन्हें आत्मरक्षा का हर वह पैंतरे सीखा रहे हैं, जो अति कारगर है। मार्शल आर्ट में इस बार बच्चों की संख्या 45 है। पिछले साल की तुलना में यह संख्या अधिक है। सबसे अच्छी बात यह है कि इनमें 22 बेटियां हैं।
अभिभावक भी बेटियों का मजबूत बना रहे हैं, ताकि भविष्य में वह किसी पर आश्रित न रहे। इसके अलावा आत्मरक्षा की इस कला में निपुण होकर शहर, प्रदेश व देश का नाम रोशन कर सके। वह प्रशिक्षण के माध्यम से इतनी परिपक्व हो रही है कि आगामी दिनों में होने वाली प्रतियोगिताओं में अपनी प्रतिभा दिखा सके। उन्हें प्रशिक्षक घनश्याम मार्शल आर्ट की बारीकियां सीखा रहे हैं।
उनमें इस खेल को लेकर गजब उत्साह है। यही कारण है कैंप के समय से पहले पहुंच जाती है। इसके अलावा खिलाड़ियों के बीच समय-समय अभ्यास मुकाबला भी कराया जाता है, ताकि उनका मनोबल बढ़े। आने वाले दिनों में मार्शल आर्ट सीखने के लिए बच्चों की संख्या और बढ़ेगी।