Raipur: रेल टिकट की कालाबाजारी करते 37 दलाल पकड़ाए, अलग-अलग आइडी बनाकर बेच रहे थे ई-टिकट"/> Raipur: रेल टिकट की कालाबाजारी करते 37 दलाल पकड़ाए, अलग-अलग आइडी बनाकर बेच रहे थे ई-टिकट"/>

Raipur: रेल टिकट की कालाबाजारी करते 37 दलाल पकड़ाए, अलग-अलग आइडी बनाकर बेच रहे थे ई-टिकट

रेलवे के आइआरसीटीसी में बगैर पंजीयन कराए चोरी-छिपे अलग-अलग आइडी बनाकर ई-टिकट बेचने के कारोबार में संलिप्त ऐसे 37 टिकट दलालों को रेलवे सुरक्षा बल ने पकड़ने में सफलता प्राप्त की है।

HIGHLIGHTS

  1. 913655 रुपये के 589 ई-टिकट जब्त किए गए कार्रवाई के दौरान दलालों से
  2. रायपुर, बिलासपुर और नागपुर मंडल में 589 ई-टिकट जब्त

 रायपुर। गर्मी के पीक सीजन में लंबी दूरी की ज्यादातर एक्सप्रेस ट्रेनों में यात्रियों को कंफर्म टिकट नहीं मिल रही है। ऐसे हालात में ई-टिकट दलाल सक्रिय होकर जमकर मुनाफाखोरी कर रहे हैं। रेलवे के आइआरसीटीसी में बगैर पंजीयन कराए चोरी-छिपे अलग-अलग आइडी बनाकर ई-टिकट बेचने के कारोबार में संलिप्त ऐसे 37 टिकट दलालों को रेलवे सुरक्षा बल ने पकड़ने में सफलता प्राप्त की है।

रेल सुरक्षा अफसरों ने बताया कि ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान यात्री सपरिवार घूमने जाने के लिए एक से दो महीने पहले ही ट्रेनों में टिकट बुक कराने लगते हैं। यही कारण है कि मेल, एक्सप्रेस और सुपरफास्ट ट्रेनों में टिकटों की मांग अचानक से बढ़ जाती है। इसे देखते हुए अनाधिकृत टिकट दलाल भी मोटा मुनाफा कमाने सक्रिय हो जाते हैं।
 

अनाधिकृत टिकट दलालों पर अंकुश लगाने के लिए जोनल मुख्यालय के निर्देश पर सुरक्षा बल की टीमों ने एक मई से अब तक रायपुर समेत तीनों रेल मंडल बिलासपुर और नागपुर में विशेष अभियान चलाया। इस अभियान में छापेमारी की कार्रवाई कर 37 ई-टिकट दलालों को पकड़कर उनके खिलाफ रेलवे अधिनियम की धारा 143 के तहत केस दर्ज किया। छापेमारी में दलालों से नौ लाख 13 हजार 655 रुपये के 589 ई-टिकट जब्त किए गए।

हर जगह ई-टिकट दलाल सक्रिय

रायपुर समेत तीनों मंडलों के मुख्य रेलवे आरक्षण केंद्र के काउंटर के साथ ही इंटरनेट के जरिए भी टिकटों की कालाबाजारी हो रही है। हालांकि इसे रोकने के लिए रेलवे सुरक्षा बल ने कदम भी उठाए हैं। सतर्कता विभाग की टीम रेलवे आरक्षण केंद्रों के साथ ट्रेवल एजेंटों के यहां शिकायत मिलने पर छापेमारी करके टिकट दलालों को पकड़ती है। इसके बावजूद टिकटों की कालाबाजारी नहीं रुक रही है। शहर के कई स्थानों पर अवैध तरीके से ई-टिकट बेचे जा रहे हैं। इसके एवज में यात्रियों से तय रेट से काफी ज्यादा किराया वसूले जाते हैं। कई बार तो यात्रियों को किराया से दोगुना ज्यादा पैसा दलालों को देना पड़ता है।

आइआरसीटीसी में पंजीयन जरूरी

रेलवे अधिकारियों का कहना है कि ई-टिकट बनाने का कारोबार करने के लिए आइआरसीटीसी में रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होता है, परंतु अनाधिकृत तरीके से ई-टिकट का कारोबार करने वाले दलाल यात्रियों की मजबूरी का फायदा उठाकर उनसे 300 से 400 रुपये ज्यादा लेकर कंफर्म टिकट बेचते हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button