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Mahashivratri 2024 Vrat Upay: महाशिवरात्रि पर व्रत रखें तो करें ब्रह्मचर्य का पालन, उपवास के दौरान इन गलतियों से बचें

Mahashivratri 2024 महाशिवरात्रि पर्व पर दिन में बिल्कुल भी नहीं सोना चाहिए। इसके अलावा पूजा के दौरान कभी भी शिवलिंग पर रोली, सिंदूर या चंदन का तिलक नहीं लगाना चाहिए।

HIGHLIGHTS

  1. महाशिवरात्रि व्रत के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करना अनिवार्य माना गया है।
  2. दो दिन पहले से ही मांस-मदिरा आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।
  3. मन को शांत रखने के लिए ध्यान आदि में मन लगाएं।

Mahashivratri Vrat Upay: धर्म डेस्क, इंदौर। हिंदू धर्म में देवों के देव महादेव की आराधना के लिए महाशिवरात्रि पर्व पर विशेष पूजा-अर्चना करने के साथ व्रत भी रखा जाता है। हिंदू पंचांग के मुताबिक, इस साल महाशिवरात्रि पर्व 8 मार्च 2024 को है और इस दिन व्रत रखने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। पौराणिक मान्यता है कि महाशिवरात्रि पर ही भगवान शिव का माता पार्वती से विवाह हुआ था, इसलिए महाशिवरात्रि के दिन शिव-गौरी की विधिवत पूजा की जाती है।

 

महाशिवरात्रि पर पूजा का शुभ मुहूर्त (Maha Shivratri Puja Muhurat)

 

महाशिवरात्रि के दिन शिवजी को प्रसन्न करने के लिए व्रत के नियमों को विशेष रूप से पालन करना चाहिए। पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, महाशिवरात्रि की शुरुआत 8 मार्च को शाम 9.57 बजे पर होगी और 9 मार्च को सुबह 6.17 समापन होगा। पौराणिक मान्यता के अनुसार भगवान शिव की पूजा हमेशा प्रदोष काल में ही जाती है, ऐसे में शाम 6.25 बजे से 9.28 बजे तक पूजा का शुभ मुहूर्त रहेगा।

 

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महाशिवरात्रि व्रत के दौरान न करें ये गलतियां

 

महाशिवरात्रि व्रत के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करना अनिवार्य माना गया है। दो दिन पहले से ही मांस-मदिरा आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। मन को शांत रखने के लिए ध्यान आदि में मन लगाएं। कई लोग महाशिवरात्रि पर निर्जला व्रत रखते हैं या सिर्फ फलाहार ही लेते हैं। इस दौरान सेंधा नमक का सेवन करना चाहिए। सामान्य नमक का सेवन नहीं करना चाहिए। महाशिवरात्रि पर्व पर दिन में बिल्कुल भी नहीं सोना चाहिए। इसके अलावा पूजा के दौरान कभी भी शिवलिंग पर रोली, सिंदूर या चंदन का तिलक नहीं लगाना चाहिए।

 

 

डिसक्लेमर

 

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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