Raipur News: पांच साल बाद बढ़ा कुलियों का मेहनताना, अब 40 किलो सामान की ढुलाई के लिए देने होंगे 100 रुपये
रायपुर (नईदुनिया)। रेलवे ने कुलियों का मेहनताना बढ़ा दिया है। रायपुर रेलवे मंडल के अंतर्गत आने वाले रायपुर स्टेशन में सामान की ढुलाई के लिए अब पहले की तुलना में यात्रियों को 30 प्रतिशत अधिक पैसे देने होंगे। 40 किलो सामान की ढुलाई के लिए 70 रुपये के स्थान पर 100 रुपये देने होंगे। कुलियों का मेहनताना करीब पांच साल बाद बढ़ाया गया है। वर्तमान में रायपुर स्टेशन में 105 कुली पंजीकृत हैं। इधर, कुलियों का कहना है कि रेलवे ने मेहनताना जरूर बढ़ा दिया है, लेकिन तकनीकी सुविधाएं बढ़ने से पहले जैसी आमदनी अब नहीं रही। सभी कुलियों की आर्थिक स्थिति खराब है। अपनी आमदनी से परिवार का गुजारा तक नहीं कर पा रहे हैं।
भारतीय रेलवे ने कुलियों का मेहनताना बढ़ाने को लेकर आदेश पत्र भेजा है। इसमें कहा गया है कि लाइसेंसधारी कुलियों का मेहनताना बढ़ा दिया गया है, इसका प्रचार-प्रसार किया जाए ताकि सभी कुलियों को इसकी जानकारी हो सके। हालांकि, अभी भी कुली पहले तय रेट के हिसाब से ही मेहनताना ले रहे हैं। लेकिन आने वाले दिनों में नई दरों के हिसाब से पैसा लेंगे।
ग्रुप के हिसाब से दर तय
कुलियों का बढ़ा हुआ मेहनताना रायपुर रेल मंडल के सभी रेलवे स्टेशनों पर लागू कर दिया गया है। यात्रियों को ग्रुप ए, ग्रुप बी स्टेशन के हिसाब से मेहनताना देना होगा। पहले ग्रुप ए स्टेशन में 40 किलो वजन वाला सामान उठाने के लिए 100 रुपये देने होते थे, जिसे अब बढ़ाकर 140 रुपये कर दिया गया है। ग्रुप बी स्टेशन में पहले 40 किलो वजन वाला सामान उठाने के लिए 70 रुपये देने पड़ते थे, जिसे अब बढ़ाकर 100 रुपये कर दिया गया है।
हाथ ठेले से सामान ढुलाई की दर
हाथ ठेला से दो क्विंटल सामान ढोने के लिए पहले 170 रुपये लिए जाते थे, जिसे अब बढ़ाकर 230 रुपये कर दिया गया है। दो क्विंटल से अधिक सामान के लिए पहले 250 रुपये लिए जाते थे, जिसे बढ़ाकर 340 रुपये कर दिया गया है। बीमार व्यक्ति के लिए व्हील चेयर पर ले जाने के लिए ग्रुप ए स्टेशन में 130 रुपये लिए जाते थे, जिसे अब बढ़ाकर 180 रुपये कर दिया गया है। ग्रुप बी स्टेशन में बीमार व्यक्ति को व्हील चेयर पर ले जाने के लिए पहले 100 रुपये लिए जाते थे, जिसे बढ़ाकर अब 140 रुपये कर दिया गया है। पहले स्ट्रेचर पर ले जाने के लिए 200 रुपये लिए जाते थे, जिसे अब बढ़ाकर 270 रुपये कर दिया गया है। ग्रुप बी स्टेशन के लिए स्ट्रेचर का किराया पहले 120 रुपये वसूला जाता था, जिसे अब 160 रुपये कर दिया गया है।
गैंगमैन बनाने की मांग
रायपुर स्टेशन में सालों से कुली का काम कर रहे थानेश्वर साहू, जे वेंकटराव, जनकराम साहू, प्रेमलाल साहू, रामेश्वर साहू, महिला कुली विमला निर्मलकर ने कहा कि स्टेशन में एस्केलेटर, लिफ्ट की सुविधा होने, आने-जाने के लिए तीन मुख्य प्रवेश द्वार होने से यात्री अपना सामान बिना कुली की मदद के खुद ले जाते हैं। इसके कारण स्टेशन में कार्यरत आठ महिला कुली समेत 105 कुलियों को दिन में बमुश्किल दो-तीन ही यात्री सामान ढोने के लिए मिल पाते हैं। पहले पार्सल गोदाम से आमदनी हो जाती थी, लेकिन इसे भी ठेके पर देने के कारण काम बंद हो गया। अब तो परिवार का पेट पालना मुश्किल हो गया है। रेलवे सहकारी लाइसेंसी पोर्टर (कुली) संघ लंबे समय से रेलवे प्रशासन से मांग करता आ रहा है कि उन्हें ग्रुप डी में शामिल कर गैंगमैन बना दिया दिया जाए। वर्ष 2010 में रेलवे ने 24 कुलियों की भर्ती की थी।
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी बनाने की मांग
कुलियों को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी बनाने की मांग लंबे समय से रेलवे बोर्ड को करते आ रहे हैं। आज हमारी आर्थिक हालत काफी खराब है। रेल मंत्री समेत अधिकारियों को इस ओर पहल करनी चाहिए।
-जी.वेंकटराव, उपाध्यक्ष, रायपुर रेलवे स्टेशन सहकारी लाइसेंसी कुली संघ