GST Update: कारोबारी इन बातों का रखें ध्यान, जीएसटी रिटर्न में मिस मैच हुआ तो सीज हो सकता है संस्थान
रायपुर। GST Update: जीएसटी रिटर्न भरते समय आपको किसी भी प्रकार से लापरवाही नहीं करनी चाहिए। अगर आपने लापरवाही की और जीएसटी रिटर्न में मिसमैच हुआ तो आपके संस्थान से खाताबही ले जाने के साथ ही आपका संस्थान सीज भी हो सकता है। इसके साथ ही जीएसटी विभाग द्वारा अगर आपको नोटिस भेजा गया है तो आपको निर्धारित तिथि तक नोटिस का जवाब देना चाहिए, अन्यथा परेशानी में पड़ सकते हैं।
जीएसटी के जानकारों का कहना है कि जीएसटी अधिकारियों के पास विभिन्न धाराओं के तहत काफी अधिकार है। बताया जा रहा है कि जीएसटी की धारा 67 के तहत जीएसटी अधिकारी इंफेक्शन, सर्च व सीज कर सकता है। इसके साथ ही धारा 71 में बुक्स आफ अकाउंट चेक कर सकता है। स्टाक चेक नहीं कर सकता, लेकिन खाताबही नहीं ले जा सकता। वहीं धारा 67 के तहत दुकान को सील कर सकते हैं, खाताबही ले जा सकते हैं और किसी भी प्रकार से डाउट हो तो आलमारी तुड़वा सकते हैं। हालांकि पहले से ही इन्हें लिखना होता है कि क्यों जांच की जा रही है।
संस्थानों के बाहर जीएसटी नंबर लगाना जरूरी
अगर आप जीएसटी रजिस्टर्ड है तो अपने दुकान या गोडाउन के बाहर आपको जीएसटी नंबर व सर्टिफिकेट लगाना अनिवार्य है। अगर आपने ऐसा नहीं किया है तो आपको 50 हजार रुपये का जुर्माना भरना पड़ सकता है। इस जुर्माने से बचना चाहते है तो आपको जीएसटी का नियमों का पालन करना चाहिए और अपनी दुकान या गोडाउन के बाहर जीएसटी नंबर व सर्टिफिकेट लगाना चाहिए।
मांग सकते हैं आइडी कार्ड और आइएनएस 01 फार्म
अगर आपने जीएसटी रजिस्ट्रेशन में दिए गए पते को बदल दिया है तो भी आपको अपने व्यावसायिक परिसर में जीएसटी नंबर व सर्टिफिकेट लगाना होता है। ऐसा नहीं होने पर जीएसटी अफसरों द्वारा कार्रवाई की जा सकती है। कर विशेषज्ञों का कहना है कि सभी को जीएसटी के इन नियमों का पालन करना होगा। उपभोक्ता के पास यह अधिकार है कि जब जीएसटी अफसर आएं तो वह उससे आइडी कार्ड व आइएनएस 01 फार्म मांग सकता है।
कर विशेषज्ञ से मिली जानकारी के अनुसार अगर आपकी वार्षिक बिक्री 40 लाख से ज्यादा है और सर्विस प्रोवाइडर है और वार्षिक टर्नओवर 20 लाख से ज्यादा है तो जीएसटी में रजिस्ट्रेशन जरूरी है। इसके साथ ही टर्नओवर दो करोड़ है तो वार्षिक रिटर्न की जरूरत नहीं है। वार्षिक टर्नओवर पांच करोड़ है तो 3बी और आर 1 फाइल करना होगा, पांच करोड़ से ज्यादा है तो मंथली भी कर सकते है।
यह भी जानना है जरूरी
नियमों का पालन करें कारोबारी कर विशेषज्ञ व पूर्व अध्यक्ष आयकर बार एसोसिएशन चेतन तारवानी ने कहा, व्यापारियों को जीएसटी नियमों का पालन करना चाहिए। पूरी ईमानदारी के साथ अपना रिटर्न भरें और किसी भी प्रकार की गड़बड़ी न करें। गड़बड़ी पाए जाने पर आप पर कार्रवाई हो सकती है।