CG Cabinet: साय सरकार में पहली बार के निर्वाचित विधायक बने मंत्री, ओपी को वित्त, विजय को गृह देकर सबको चौंकाया
HIGHLIGHTS
- साय सरकार में अरुण साव, विजय शर्मा और ओपी चौधरी का बढ़ा कद
- प्रदेश में पहली बार निर्वाचित विधायकों को मंत्री बनाकर कद बढ़ाया
- पहली बार के विधायक को बड़े विभागों की जिम्मेदारी देकर सबको चौंकाया
रायपुर (राज्य ब्यूरो)। CM Vishnu Deo Sai Cabinet Portfolios: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सरकार के मंत्रियों के विभाग बंटवारे के फार्मूले ने उनके कद के बढ़ने का अहसास करा दिया है। प्रदेश में पहली बार विधायक निर्वाचित होने वाले नेताओं को मंत्री बनाकर कद बढ़ाया गया और अब उन्हें बड़े विभागों की जिम्मेदारी देकर सबको चौंका दिया गया है। इनमें उप मुख्यमंत्री अरुण साव व विजय शर्मा के साथ ही ओपी चौधरी का नाम शामिल है, इन्हें मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बड़े विभागों की जिम्मेदारी सौंपी है।
वरिष्ठ नेताओं के बावजूद विजय शर्मा को गृह और ओपी चौधरी को वित्त मंत्री की जिम्मेदारी देकर साय सरकार ने नई पीढ़ी के नेताओं का कद बढ़ाने का फार्मूला पेश किया है। इस बार नए मंत्रियों में शपथ लेने वाले पांच विधायकों में अरुण साव, विजय शर्मा, ओपी चौधरी, लक्ष्मी राजवाड़े और टंकराम वर्मा पहली बार विधायक बने हैं। जबकि श्यामबिहारी जायसवाल और लखनलाल देवांगन पहले विधायक रह चुके हैं और पहली बार मंत्री बने हैं।
रमन कैबिनेट में पूर्व मंत्री रहे नेताओं को ये मिला विभाग
पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह के कैबिनेट में रहे पूर्व मंत्रियों में बृजमोहन अग्रवाल, रामविचार नेताम, दयालदास बघेल और केदार कश्यप को विभाग तो दिए गए हैं मगर प्रदेश के महत्वपूर्ण विभाग नए मंत्रियों के पास हैं। हालांकि बृजमोहन को स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, संसदीय कार्य, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व, पर्यटन एवं संस्कृति विभाग की जिम्मेदारी मिली है। वह पहले भी स्कूल शिक्षा, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व, पर्यटन एवं संस्कृति की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं।
मंत्री राम विचार नेताम को आदिवासी समाज से होने के कारण उन्हें आदिम जाति विकास, अनुसूचित जाति विकास, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विकास की जिम्मेदारी मिली है। इसके अलावा उनके पास कृषि विकास एवं किसान कल्याण विभाग की भी जिम्मेदारी है। मंत्री दयाल दास बघेल को खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग और मंत्री केदार कश्यप को वन एवं जलवायु परिवर्तन, जल संसाधन, कौशल विकास एवं सहकारिता विभाग की जिम्मेदारी मिली है।
झंडा विवाद में जेल गए विजय के हाथ में कानून का जिम्मा
भाजपा ने इस चुनाव में कवर्धा विधानसभा क्षेत्र में हुए भगवा झंडा विवाद के बाद यहां हिन्दुत्व के चेहरे के रूप में विजय शर्मा को पेश किया था। उन्होंने कवर्धा से मोहम्मद अकबर को हराया, जो दिग्गज मंत्री थे। भगवा विवाद में जेल गए विजय अभी उप मुख्यमंत्री हैं और संयोग से उन्हें गृह एवं जेल का जिम्मा मिला है यानी वह प्रदेश के कानून-व्यवस्था को संभालेंगे। इसके अलावा उन्हें पंचायत एवं ग्रामीण विकास, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग भी सौंपा गया है। गृह-जेल मिलने से विजय शर्मा का कद बढ़ गया है।
साय सरकार का लेखा जोखा संभालेंगे ओपी चौधरी
पहली बार विधायक से मंत्री बने ओपी चौधरी मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सरकार का वित्तीय लेखा-जोखा संभालेंगे। उन्हें वित्त, वाणिज्यिक कर, आवास एवं पर्यावरण, योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग जैसे महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी मिली है। 2005 के आइएएस अफसर रहे ओपी ने 2018 में 36 साल की उम्र में नौकरी छोड़कर भाजपा प्रवेश किया था। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की पसंद हैं और अब मंत्री बन चुके हैं।
विधि के जानकार साव को विधायी के साथ कई विभाग
उप मुख्यमंत्री बने अरुण साव ओबीसी का बड़ा चेहरा माने जाते हैं। वह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के करीबी हैं। अरुण भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष, बिलासपुर से पहली बार लोकसभा सदस्य बने, पहली बार भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बने और अब पहली बार विधायक बनने के साथ उप मुख्यमंत्री बने हैं। वह वकील होने के कारण कानून के अच्छे ज्ञाता हैं। साव को लोक निर्माण, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, विधि और विधायी कार्य और नगरीय प्रशासन जैसे बड़े विभागों की जिम्मेदारी मिली है।
इन नए मंत्रियों को बड़ी जिम्मेदारी
श्याम बिहारी जायसवाल: पहली बार मंत्री बने जायसवाल को लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण जैसा बड़ा विभाग मिला है। मनेंद्रगढ़ विधायक जायसवाल ओबीसी वर्ग के हैं। पार्टी के पंसदीदा हैं। जायसवाल पहले जिपं खड़गवां के अध्यक्ष भी रहे हैं। श्याम बिहारी जायसवाल भाजपा किसान मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं।
लक्ष्मी राजवाड़े: युवा नेत्री, ओबीसी चेहरा, लो प्रोफाइल और संगठन की पसंद के कारण लक्ष्मी को मंत्री बनाया है। अब उन्हें महिला एवं बाल विकास व समाज कल्याण की बड़ी जिम्मेदारी मिली है।
लखनलाल देवांगन: जातिगत समीकरण के हिसाब से लखनलाल को मंत्री बनाकर ओबीसी वर्ग को साधने की कोशिश की गई है। उन्हें वाणिज्य, उद्योग और श्रम विभाग की जिम्मेदारी मिली है।
टंकराम वर्मा: विधायक से मंत्री टंकराम वर्मा को मंत्रालय में कामकाज का लंबा अनुभव है। वे दयालदास बघेल और केदार कश्यप के निजसचिव रहे हैं। कुर्मी समाज से आते हैं। अब प्रदेश के खेलकूद एवं युवा कल्याण, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की जिम्मेदारी संभालेंगे।