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Election Result 2023: दिल्ली ने छह महीने पहले संभाली कमान तो 13 प्रतिशत ज्यादा वोटों से जीती भाजपा

HIGHLIGHTS

  1. शाह, माथुर, मंडाविया की तिकड़ी ने छह महीने पहले से बनाई रणनीति
  2. पिछली बार 2018 के चुनाव में 32.33 प्रतिशत था भाजपा का वोट शेयर
  3. इस बार भाजपा ने 54 सीटें जीती, साथ ही 13 प्रतिशत अधिक वोट शेयर भी हासिल की

रायपुर (राज्य ब्यूरो)। Chhattisgarh Election Result 2023: पांचवें विधानसभा चुनाव 2023 में छत्तीसगढ़ भाजपा ने सत्ता में शानदार वापसी की है। न सिर्फ पहली बार सबसे अधिक 54 सीटें जीती है, बल्कि 13 प्रतिशत अधिक वोट शेयर भी हासिल की है। इस सफलता के पीछे दिल्ली के शीर्ष नेताओं की अहम भागीदारी रही।

राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने प्रदेश के लिए छह महीने पहले ही चुनावी ब्लूप्रिंट तैयार कर लिया था। इसी के आधार पर नेताओं ने काम किया तो वोट प्रतिशत भी बढ़ गया। पिछली बार 2018 के चुनाव में भाजपा का वोट शेयर 32.33 प्रतिशत था और कुल 15 सीट मिली थी, कांग्रेस 68 सीटों में जीत कर बहुमत हासिल की थी।

शाह की रणनीति, माथुर और मांडविया का क्रियान्वयन

राजनीतिक प्रेक्षकों के अनुसार इस बार चुनाव के छह महीने पहले ही दिल्ली के नेताओं ने प्रदेश की कमान संभाल ली थी, इसका असर चुनाव में भी दिखा। केंद्रीय गृह मंत्री शाह की रणनीति पर प्रदेश प्रभारी ओम माथुर, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री व चुनाव के सह प्रभारी डा. मनसुख मांडविया ने सफल कियान्वयन किया।

शाह भी अपनी बैठकों में यह कहते रहे कि छत्तीसगढ़ का चुनाव वह जीतेंगे, उन्हें कोई चुनौती नहीं है। माथुर और मांडविया द्वय नेताओं ने प्रदेश की सभी 90 विधानसभा क्षेत्राें में पहुंचकर एक-एक कार्यकर्ता से मिलकर स्थानीय मुद्दों को जाना और परखा। छत्तीसगढ़ में द्वय नेताओं ने भाजपा के रंग और ढंग में बदलाव किया।

 ये रही रणनीति

प्रत्याशियों की पहले घोषणा: भाजपा ने विधानसभा चुनाव 2023 के करीब तीन महीने पहले 21 सीटों पर प्रत्याशी घोषित करके बढ़त बनाई थी। इसी के साथ विभिन्न चुनावी समितियों का जल्द गठन करके बूथ स्तर पर पार्टी विभिन्न अभियान, आयोजनों के माध्यम से जनता के बीच पहुंची।

नाराजगी दूर करने की रणनीति: कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करने के लिए भाजपा ने पुराने और नए दोनों पदाधिकारियों को महत्व दिया। इससे पार्टी के भीतर संवादहीनता, काम का अभाव और महत्व न मिलने जैसे गिले-शिकबे दूर हुए।

नेताओं के ताबड़तोड़ दौरे: भाजपा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर केंद्रीय गृह मंत्री शाह, केंद्रीय मंत्री, विभिन्न राज्यों के मंत्री व विधायकों के दौरे से पार्टी को सभी तरह का फीडबैक मिला।

विधानसभा स्तर पर संपर्क अभियान: भाजपा ने अपने सभी मोर्चा प्रकोष्ठों को हर विधानसभा में संपर्क अभियान और सम्मेलन करने की जिम्मेदारी दे दी थी। इसमें हर विधानसभा क्षेत्र में पार्टी के 50-50 नेता नेतृत्व कर रहे थे। विधानसभा स्तर पर महिलाओं, किसानों और युवाओं के लिए नव मतदाता सम्मेलन और संपर्क अभियान चलता रहा।

जमीन पर उतरे भाजपाई: प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना, नल जल घर योजना में हितग्राहियों के वंचित होने का मुद्दा उठाया गया। आवास योजना में विधानसभा का घेराव किया गया। राज्य की गोबर-गोठान योजना की पड़ताल कर गोठान चलो योजना के तहत सरकारी योजनाओं की जमीनी हकीकत को लोगों के सामने उजागर किया। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने लगातार इसकी अगुवाई की। भ्रष्टाचार और वादाखिलाफी के खिलाफ पार्टी कांग्रेस सरकार के प्रति आक्रामक रही।

घोषणा पत्र में दिखाया उत्साह: पार्टी के नेता घोषणा पत्र को लेकर काफी उत्साहित रहे। वह सभी जिलों में विभिन्न वर्ग के लोगों से मिलकर उनके सुझाव लेकर घोषणा पत्र तैयार किया।

भाजपा ने महिलाओं को साधने के लिए 12 हजार रुपये प्रति वर्ष देने के लिए महतारी वंदन योजना शुरू करने का वादा किया। किसानों को दो वर्ष का बकाया धान का बोनस और 3,100 रुपये प्रति क्विंटल धान खरीदी का वादा कर किसानों को साधने की रणनीति बनाई। इसी तरह से प्रदेश के दलितों, आदिवासियों, महिलाओं, युवाओं के लिए भी योजनाएं बनाईं।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता केदारनाथ गुप्ता ने कहा, हमारे केंद्रीय नेतृत्व के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर, प्रदेश चुनाव सह प्रभारी डा. मनसुख मांडविया, प्रदेश के अध्यक्ष अरुण साव समेत सभी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के त्याग और परिश्रम का फल मिला है और जनता ने आशीर्वाद दिया है।

छत्तीसगढ़ में पिछले पांच विधानसभा चुनाव में वोट शेयर (%में)

वर्ष भाजपा कांग्रेस एनसीपी बसपा जकांछ
2023 46.27 42.23 00 2.05 1.23
2018 32.8 43.1 0.2 3.7 7.4
2013 41.04 40.29 0.30 4.27
2008 40.33 38.63 0.52 6.11
2003 39.26 36.71 7.02 4.45

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