CG Election 2023: छत्‍तीसगढ़ की इस सीट पर जनता हर बार बदल देती हैं अपना ‘मुखिया‘, जानें सियासी समीकरण

HIGHLIGHTS

  1. प्रदर्शन के आधार पर अपना नेता चुनती है खैरागढ़ की जनता
  2. खैरागढ़ विधानसभा सीट पर राजपरिवार का रहा है दबदबा
  3. विधानसभा चुनाव में राज परिवार ने ही सबसे अधिक जीत दर्ज की

 Chhattisgarh Election 2023: खैरागढ़ विधानसभा सीट पर शुरू से ही राजपरिवार का दबदबा रहा है। अब तक हुए चुनाव में राज परिवार ने ही सबसे अधिक जीत दर्ज की है। लेकिन छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद परिस्थितियां बदली। पिछले चार चुनाव में यहां के मतदाता हर बार अपना नेता बदल दे रहे हैं। यानी वहां की जनता परफार्मेंस के आधार पर अपना नेता चुन रही है। हालांकि इस सीट पर अविभाजित मध्यप्रदेश के समय 1980 से 1993 तक लगातार चार बार रश्मिदेवी सिंह जीतीं। 1995 से 2003 के बीच निरंतर तीन बार उनके पुत्र देवव्रत सिंह विधायक चुने गए।

वर्ष 2008 में भाजपा के कोमल जंघेल विधायक बने। उन्होंने कांग्रेस के मोतीलाल जंघेल को हराया। लेकिन पांच वर्ष बाद 2013 में जनता ने कोमल को हराकर कांग्रेस के गिरवर जंघेल को जीता दिया। वर्ष 2018 में जकांछ से देवव्रत सिंह विधायक बने। उनके निधन के बाद 2022 में हुए उप चुनाव में कांग्रेस की यशोदा वर्मा को जनता ने जीता दिया। इस तरह पिछले चार चुनाव में हर बार नया विधायक बनाया गया।

2018 में 870 वोट से हुई थी जीत

खैरागढ़ सीट पर 2018 में विधानसभा चुनाव में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) ने जीत हासिल की थी। यहां जकांछ जे के प्रत्याशी देवव्रत सिंह को 61516 वोट मिले थे। वहीं भाजपा के कोमल जंघेल को 60646 और कांग्रेस के गिरवर जंघेल को 31811 वोट मिले थे। इस सीट में जीत का अंतर 870 वोट का था। विधायक देवव्रत सिंह के निधन के बाद सीट रिक्त हुई थी, जिस पर उपचुनाव हुआ। जिसमें कांग्रेस की प्रत्याशी यशोदा वर्मा ने 20157 वोटों से जीत दर्ज की।

ये हैं अब तक के विधायक

अस्तित्व में आने के बाद खैरागढ़ में पहला चुनाव 1957 में हुआ था। ऋतुपर्ण किशोरदाल पहले विधायक चुने गए थे। 1962 में लाल उमेंद्र सिंह, 1967 वीरेंद्र बहादूर सिंह, 1972 में विजयलाल ओसवाल, 1977 में माणिकलाल गुप्ता, 1980, 1985 1990 व 1993 में रश्मिदेवी सिंह, 1995, 1998, 2003 में देवव्रत सिंह, 2006 व 2008 में कोमल जंघेल, 2013 में गिरवर जंघेल व 2018 में फिर देवव्रत सिंह विधायक चुने गए थे। 2022 में उपचुनाव जीतने वाली यशोदा खैरागढ़ की 17 वें विधायक बनींं।

पिछले चार चुनाव के नतीजे

वर्ष विजेता पार्टी हारे उम्मीदवार पार्टी

2003 देवव्रत सिंह कांग्रेस सिद्धार्थ सिंह भाजपा

2006 कोमल जंघेल भाजपा पद्मादेवी सिंह कांग्रेस

2008 कोमल जंघेल भाजपा मोतीलाल जंघेल कांग्रेस

2013 गिरवर जंघेल कांग्रेस कोमल जंघेल भाजपा

2018 देवव्रत सिंह कांग्रेस कोमल जंघेल भाजपा

2022 यशोदा वर्मा कांग्रेस कोमल जंघेल भाजपा (उपचुनाव)

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