Women Reservation Bill: राज्यसभा में सर्वसम्मति से पास हुआ नारी शक्ति वंदन अधिनियम, पूरे 215 वोट मिले
Women Reservation Bill: बुधवार को लोकसभा में नारी शक्ति वंदन अधिनियम पारित होने के बाद गुरुवार को राज्यसभा में चर्चा के बाद यह पास हो गया।
HIGHLIGHTS
- राज्यसभा में बिल के विरोध में एक भी वोट नहीं आया।
- लोकसभा में इसके पक्ष में 454 वोट मिले थे और दो विरोध में।
- संसद के दोनों सदनों में पारित हो गया महिला आरक्षण बिल।
Women Reservation Bill: नई दिल्ली। संसद के विशेष सत्र में गुरुवार को राज्यसभा में नारी शक्ति वंदन अधिनियम सर्वसम्मति से पास हो गया। सभी 215 राज्यसभा सदस्यों ने इसके पक्ष में वोट दिया। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने इसे ऐतिहासिक क्षण बताया। इसके पहले बुधवार को लोकसभा में नारी शक्ति वंदन अधिनियम को पर्ची से हुई वोटिंग में 454 वोट मिले वहीं विरोध में केवल 2 वोट मिले थे।
वोटिंग से पहले पीएम मोदी ने कही ये बात
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि देश की नारी शक्ति को एक विशेष सम्मान सिर्फ विधेयक पारित होने से मिल रहा है। ऐसा नहीं है बल्कि इस विधेयक के प्रति देश के सभी राजनीतिक दलों की सकारात्मक सोच होना, ये हमारे देश की नारी शक्ति को नई ऊर्जा देने वाली है।
नड्डा बोले- वायनाड और अमेठी को आरक्षित कर दिया जाए तो?
राज्यसभा में बिना परिसीमन के महिला आरक्षण लागू करने की मांग कर रहे कांग्रेस के राज्यसभा सदस्यों को भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने वैधानिक और तार्किंक जवाब दिया। उन्होंने कहा कि न्यायिक विधि से आरक्षण को लेकर सीट निर्णय सही रहेगा। सरकार इसको तय नहीं कर सकती कि किन-किन सीटों पर आरक्षण दिया जाए। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर अमेठी, रायबरेली, कलबुर्गी और वायनाड को आरक्षित कर दिया जाए तो?
13 महिला राज्यसभा सदस्यों ने निभाई उपाध्यक्ष की भूमिका
नारी शक्ति वंदन अधिनियम पर राज्यसभा में चर्चा के लिए उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ 13 महिला सदस्यों का पैनल बनाकर इन्हें इस दौरान उपाध्यक्ष की भूमिका सौंपी ।
सपा सांसद डिंपल यादव ने कहा कि जब आप महिला आरक्षण बिल लेकर आए हैं और जब आपका अस्तित्व और वर्चस्व ओबीसी मतदाताओं पर आधारित है। आप 10 साल सरकार में ओबीसी मतदाताओं के दम पर ही हैं, तो फिर आप ओबीसी महिलाओं को राजनीतिक अधिकार क्यों नहीं देना चाहते?
धर्मनिरपेक्ष और समाजवाद शब्द हटाए जाने पर यह बोले उमर अब्दुल्ला
नेशनल कान्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कांग्रेस के द्वारा ‘धर्मनिरपेक्ष, समाजवाद’ शब्द संविधान से हटाए जाने के आरोप पर ने कहा कि संविधान से किसी भी शब्द को हटाने के लिए लोकसभा और राज्यसभा में ऐसा विरोध अब तक नहीं हुआ। भाजपा का कहना था कि यह ऐतिहासिक कार्यक्रम था इसलिए हमने पुराना संविधान दिया। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि अगर यह सही है तो हमें कोई दिक्कत नहीं है। अगर यह संविधान के साथ खिलवाड़ है तो यह देश के साथ अच्छा नहीं होगा।