CG Election 2023: कांग्रेस के निशाने पर भाजपा के नौ-गढ़, इन सीटों पर किला फतह करने दिग्‍गजों ने बनाई नई रणनीति"/>

CG Election 2023: कांग्रेस के निशाने पर भाजपा के नौ-गढ़, इन सीटों पर किला फतह करने दिग्‍गजों ने बनाई नई रणनीति

HIGHLIGHTS

  1. ऐसी सभी सीटों का गणित जुगाड़ने में भिड़े कांग्रेस के दिग्‍गज नेता
  2. इन सीटों पर किला फतह करने के लिए कांग्रेस ने बनाई नई रणनीति
  3. कांग्रेस ने इन सीटों पर नए सिरे से पैनल तैयार करने का दिया निर्देश

रायपुर Chhattisgarh Assembly Election 2023: विधानसभा चुनाव में मिशन 75 में जुटी कांग्रेस की नजर भाजपा के नौ गढ़ पर है। राज्य गठन के बाद हुए चुनाव में दो विधानसभा क्षेत्र राजनांदगांव और रायपुर दक्षिण से भाजपा की लगातार जीत हो रही है। वहीं, सात सीट ऐसी है, जिसमें भाजपा को सिर्फ एक या दो बार हार का सामना करना पड़ा है। इन सीटों पर किला फतह करने के लिए कांग्रेस ने नई रणनीति बनाई है।

कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी ने इन सीटों पर नए सिरे से पैनल तैयार करने का निर्देश दिया है। कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री डा रमन सिंह और पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के खिलाफ किसी भी चुनाव में हारे उम्मीदवार को दोबारा टिकट नहीं दिया है। वर्तमान में भाजपा के 13 विधायक हैं, लेकिन नौ विधायक ही दो से तीन चुनाव जीते हैं। कांग्रेस की नजर राजनांदगांव, रायपुर दक्षिण, कुरुद, बिल्हा, मुंगेली, वैशाली नगर, मस्तुरी, बिंद्रनवागढ़, बेलतरा सीट पर है।

इन नौ सीट में मस्तुरी ऐसी सीट है, जहां पिछले चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार तीसरे स्थान पर खिसक गए थे। यहां दूसरे नंबर पर बसपा प्रत्याशी जयेंद्र पाटले थे। वहीं, कुरुद में दूसरे स्थान पर कांग्रेस के बागी नीलम चंद्राकर थे। नीलम से करीब 34 हजार वोट से कांग्रेस प्रत्याशी लक्ष्मीकांत साहू थे। वैशाली नगर में कांग्रेस ने प्रयोग किया था और भिलाई से लगातार चुनाव लड़ रहे बदरुद्दीन को मैदान में उतारा, लेकिन वह भाजपा के किले को भेद नहीं पाए।

कांग्रेस के रणनीतिकारों की मानें तो पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की मंशा है कि भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ ऐसे मजबूत उम्मीदवार उतारे जाएं, जो उनको क्षेत्र में बांधने में सफल रहे। स्थानीय स्तर पर मजबूत नेताओं को टिकट देने के लिए प्रदेश चुनाव समिति की तीन दौर की बैठक हो चुकी है। भाजपा के मजबूत नेता रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर संभाग में है। सरगुजा और बस्तर का किला फतह करने के लिए पार्टी पुराने नेताओं पर ही दांव लगाने की तैयारी कर रही है। बस्तर और सरगुजा की तीन से पांच सीट पर ही उम्मीदवार बदले जाएंगे।

राजनांदगांव

यहां से पूर्व मुख्यमंत्री डा रमन सिंह लगातार तीन बार विधायक है। 2003 में यहां से कांग्रेस की टिकट पर उदय मुदलियार को जीत मिली थी। मुख्यमंत्री बनने के बाद 2008 के चुनाव में डा रमन सिंह ने यहां से जीत दर्ज की, जो अब तक बरकरार है।

रायपुर दक्षिण

यहां से बृजमोहन अग्रवाल विधायक हैं। बृजमोहन लगातार सात चुनाव जीतने वाले प्रदेश के इकलौते नेता है। वह रमन सरकार में मंत्री थे और भाजपा के मजबूत रणनीतिकारों में गिनती होती है।

कुरुद

कुरुद से भाजपा के अजय चंद्राकर विधायक हैं। पिछले चार चुनाव में तीन बार अजय को जीत मिली है, जबकि एक बार 2008 के चुनाव में कांग्रेस के लेखराम साहू ने जीत दर्ज की। रमन सरकार में अजय मंत्री थे और अभी भाजपा के आरोप पत्र समिति के अध्यक्ष हैं।

बिल्हा

यहां से भाजपा के धरमलाल कौशिक विधायक हैं। राज्य गठन के बाद हुए चार में दो चुनाव धरमलाल कौशिक ने जीता है, जबकि दो बार कांग्रेस के सियाराम कौशिक ने जीत दर्ज की। कौशिक विधानसभा अध्यक्ष रहे हैं और आठ महीना पहले तक नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी निभा रहे थे।

मुंगेली

यहां 2003 में कांग्रेस के चंद्रभान को जीत मिली थी। उसके बाद से हुए तीन चुनाव में पुन्नूलाल मोहिले को जीत मिली। रमन सरकार में मोहिले मंत्री भी थे। मोहिले ने लोकसभा में भी भाजपा का प्रतिनिधित्व किया है।

वैशाली नगर

यहां से भाजपा के विद्यारतन भसीन विधायक थे। उनके निधन के बाद सीट खाली है। 2008 के परिसमन के बाद यहां से भाजपा की सरोज पांडेय विधायक चुनी गई। उनके सांसद बनने के बाद हुए उपचुनाव में कांग्रेस के भजन सिंह निरंकारी को जीत मिली। हालांकि अगले दो चुनाव में यहां भाजपा अपना कब्जा बरकरार रखे हुए हैं।

बिंद्रनवागढ़

यहां से भाजपा के डमरुधर पुजारी विधायक हैं। पिछले तीन चुनाव में भाजपा ने यहां गोवर्धन मांझी और डमरुधर की टिकट की अदला-बदली करके जीत हासिल की है।

मस्तुरी

यहां से भाजपा के केएम बांधी विधायक हैं। राज्य गठन के बाद हुए चार चुनाव में तीन बार बांधी और 2013 के चुनाव में कांग्रेस के दिलीप लहरिया ने जीत दर्ज की थी। बांधी रमन सरकार में मंत्री थे।

बेलतरा

यहां से भाजपा के रजनीश सिंह विधायक है। वर्ष 2008 के परिसीमन के बाद हुए तीनों चुनाव में यहां भाजपा को जीत मिली है। इस सीट का प्रतिनिधित्व पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष बद्रीधर दीवान करते थे।

वर्ष 2018 का चुनाव परिणाम

सीट-भाजपा-वोट-कांग्रेस-वोट

राजनांदगांव- डा रमन सिंह-80589- करुणा शुक्ला- 63656

रायपुर दक्षिण-बृजमोहन अग्रवाल-77589- कन्हैया अग्रवाल- 60093

कुरुद-अजय चंद्राकर-72922- लक्ष्मीकांत साहू- 26483

बिल्हा- धरमलाल कौशिक- 84431- राजेंद्र शुक्ला-57907

मुंगेली-पुन्नूलाल मोहिले- 60469- राकेश पात्रे- 51982

वैशाली नगर-विद्यारतन भसीन-72920- बदरुद्दीन कुरैशी- 54840

मस्तुरी- केएम बांधी- 67950- दिलीप लहरिया- 53620

बिंद्रनवागढ़- डमरुधर पुजारी-79619- संजय नेताम- 69189

बेलतरा- रजनीश सिंह-49601- राजेंद्र साहू-43342

नोट: आंकड़े वर्ष 2018 के चुनाव परिणाम के अनुसार।

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