Raipur News: सरकारी विभागों में नौकरी लगाने के नाम पर चल रहा खेल, करोड़ों की हुई ठगी, सात माह में 48 शिकायतें
रायपुर Raipur News: छत्तीसगढ़ की राजधानी में साइबर ठगी के बढ़ते मामलों के बीच नौकरी के नाम पर ठगी के केस ने पुलिस को परेशान कर रखा है। सरकारी विभागों में नौकरी लगाने का ऐसा खेल राजधानी सहित पूरे प्रदेश में चल रहा है। इस तरह की ज्यादातर ठगी रायपुर में ही अंजाम दी जा रही है। हाल ही में नौकरी के नाम पर झांसा देने के दो मामलों में करोड़ों रुपये ऐंठने की बात सामने आई है। इस साल अब तक करीब 48 केस सामने आए हैं। इनमें से 11 मामलों में एफआइआर हो चुकी है और 37 शिकायतों में जांच चल रही है। 11 केस में 17 गिरफ्तार हो चुके हैं।
इन सभी मामलों की पड़ताल में पता चला कि आरोपितों ने पीड़ितों को फर्जी नियुक्ति पत्र और अन्य दस्तावेज थमा कर रकम ली गई है। ये सभी उग सरकारी विभागों का हूबहू वैसा ही आदेश कूटरचित तरीके से तैयार करते हैं, जैसा संबंधित विभागों की तरफ से निकाला जाता है। ठगों के खिलाफ धोखाधड़ी के अलावा कूटरचित दस्तावेज तैयार करने के भी केस लगे हैं। हाल ही में जो मामले सामने आए हैं, उनमें राजस्व, रेलवे, पीडब्ल्यूडी, आपदा प्रबंधन विभाग, आदिम जाति कल्याण विभाग और बिजली विभाग में नौकरी लगाने की बात कही गई।
केस : 1 – मंत्री का ओएसडी बनकर ठगी :
– मुजगहन थाने में दर्ज एक केस में रोशन लाल मिश्रा और उसकी पत्नी को गिरफ्तार किया गया। आरोपित दंपत्ति ने खुद को मंत्री का ओएसडी बताकर 12 लोगों से 1.55 करोड़ रुपये लिए थे। उसकी पत्नी डा. टंकेश्वरी समुद्र होम्योपैथी डाक्टर है, जो महासमुंद में पदस्थ है।
केस: 2: लेबर इंस्पेक्टर लगाने के नाम 30 लाख की ठगी :
– सिविल लाइन थाने में दर्ज केस में आरोपित भूपेश सोनवानी को गिरफ्तार किया। आरोपित ने अलग-अलग विभागों में नौकरी लगाने के नाम पर दर्जनभर लोगों से साढ़े 30 लाख रुपये लिए। आरोपित ने खाद्य निरीक्षक, लेबर इंस्पेक्टर, स्टाफ नर्सिंग में नौकरी लगाने का झांसा दिया था।
केस : 3 – रेलवे में नौकरी लगाने के नाम पर 14 लोगों ने 91 लाख की ठगी
– गंज थाने में दर्ज केस में रेलवे विभाग में नौकरी लगवाने का झांसा देकर 14 लोगों से 91 लाख की ठगी करने वाले आरोपित आशीष बंजारे उर्फ राहुल को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। ग्रुप-डी में नौकरी लगाने का झांसा दिया था। सभी से भर्ती फार्म भी भरवाए थे। फर्जी मेडिकल परीक्षण भी करवाया। इसके बाद सभी को अलग-अलग स्थानों में स्थित रेलवे फाटकों को खोलने एवं बंद करने का तीन माह का फर्जी प्रशिक्षण भी दिया गया। आरोपित खुद को डीआरएम आफिस का उच्च अधिकारी एवं पुलिस विभाग में कार्यरत होना बताकर सभी को अपने झांसे में लिया था।
महानदी और इंद्रावती भवन के पास ही रचते हैं खेल
पड़ताल में सामने आया कि ठग झांसे में लेने के बाद पीड़ितों को नया रायपुर स्थित महानदी और इंद्रावती भवन बुलाते हैं। संचालनालय यानी कि इंद्रावती भवन हर विभाग का दफ्तर भी होता है, जिसकी वजह से दफ्तर के बाहर ले जाकर खुद अंदर जाते हैं और बाहर आकर खुद का तैयार हुआ फर्जी दस्तावेज दिखाते हैं। इन दस्तावेजों को दिखाकर रुपये लेते हैं और फिर दस्तावेज दे देते हैं।
पुलिस ने किया है अलर्ट
नौकरी लगाने का दावा करने वालों की बातों में न आएं। इसको लेकर पुलिस ने अलर्ट किया है। कोई ऐसा झांसा दे रहा है तो पुलिस को सूचित करें विभागों में इस तरह से नौकरी लगाने के नाम पर रुपये नहीं लिए जाते। अगर कोई भी ऐसा दावा करता है। तो वह गलत है।
एडिशनल एसपी, क्राइम अभिषेक माहेश्वरी ने बताया कि नौकरी के नाम पर ठगी के मामलों को पुलिस प्रमुखता से देखती है। कई मामलों में आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस लगातार अलर्ट भी करती है।