अमित शाह ने 16 मिनट के दौरे में 8 मिनट में किया रुद्राभिषेक, भगवान परशुराम से मांगा आशीर्वाद
परशुराम मंदिर में परशुरामजी की मूर्ति पर माल्यार्पण कर दर्शन किए। इसके बाद सीधे इंदौर में आयोजित कार्यक्रम के लिए रवाना हुए।
महू
महू तहसील की भगवान परशुराम जन्मस्थली जानापाव पर पहली बार देश के गृहमंत्री अमित शाह का आगमन हुआ। यहां उन्होंने भगवान परशुराम को शीश नवाकर आशीर्वाद मांगा। उनके 16 मिनट के दौरे में से आठ मिनट में उन्होंने जनकेश्वर महादेव का रुद्राभिषेक किया। फिर परशुराम मंदिर में परशुरामजी की मूर्ति पर माल्यार्पण कर दर्शन किए। इसके बाद सीधे इंदौर में आयोजित कार्यक्रम के लिए रवाना हुए।
इस दौरान अमित शाह के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा भी उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 10 करोड़ से अधिक से बनने वाले परशुराम लोक की जानकारी गृहमंत्री शाह को दी।
गृहमंत्री अमित शाह इंदौर से हेलीकाप्टर से पीथमपुर स्थित नेट्रेक्स पर बने हेलीपेड पहुंचे। वहां से सड़क मार्ग से जानापाव पहाड़ी पर 2.09 मिनट पर पहुंचे। अपने कारकेट से निकलते ही जनकेश्वर मंदिर की ओर बढ़े। इसी दौरान नेताओं और वरिष्ठ समाजजन ने उनका स्वागत किया।
इसके बाद सबसे पहले वह जनकेश्वर महादेव मंदिर में पहुंचे। जहां उन्होंने रुद्राभिषेक किया। साथ ही पं. ओमप्रकाश व्यास, चंदन शर्मा और हर्ष वैष्णव द्वारा षोडपचार पूजन कराया गया। यह पूजन करीब पांच मिनट तक चला। इसके बाद वह नवनिर्मित परशुराम मंदिर में पहुंचे, जहां उन्होंने मंदिर में पहुंचते ही घंटी बजाई इसके बाद सीधे गर्भगृह में पहुंचे।
जहां भगवान परशुराम की मूर्ति के दर्शन कर माल्यार्पण किया। मंदिर में वह करीब 3 मिनट रहे। इसके बाद सीधे हेलीपेड पर जाने के लिए 2.25 मिनट पर रवाना हो गए। इस दौरान संस्कृति-पर्यटन मंत्री व विधायक उषा ठाकुर, सांसद छतर सिंह दरबार, रामकिशोर शुक्ला और पं. कपिल शर्मा आदि उपस्थित रहे।
कावड़िए करते रहे इंतजार, 3 बजे बाद भरा जल
अमित शाह के जानापाव आगमन को लेकर प्रशासन ने सुबह 9 बजे से ही जानापाव पर आवागमन पूरी तरह बंद कर दिया। जिसके कारण सुबह से ही कावड़िए और श्रद्धालु पहाड़ी के नीचे इंतजार करते रहे। सावन माह में हर रविवार को बड़ी संख्या में कावड़िए और कई बड़ी कावड़ यात्राएं जानापाव पहुंचती हैं। सभी कावड़िए जानापाव के साढ़े सात नदियों के उद्गम स्थल ब्रह्मकुंड से जल भर कर ले जाते हैं।
फिर अगले दिन सोमवार को ओंकारेश्वर या उज्जैन में महादेव का जलाभिषेक करते हैं। अमित शाह के दौरे के चलते सैकड़ों कावड़िए हाइवे पर और पहाड़ी के नीचे इंतजार करते रहे। दोपहर 3 बजे बाद जानापाव पर आवाजाही शुरू की गई।