मणिपुर के 10 जनजातीय विधायकों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखकर अपने इलाकों को मणिपुर से अलग करने की मांग की
Report manpreet singh
Raipur chhattisgarh VISHESH मणिपुर के 10 जनजातीय विधायकों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखकर अपने इलाकों को मणिपुर से अलग करने की मांग की है. इन विधायकों की इस मांग का कई जनजातीय समूहों ने भी समर्थन किया है. पिछले सप्ताह इन्हीं विधायकों ने जनजातीय क्षेत्रों के लिए एक अलग प्रशासन की मांग की थी, जिसे मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने खारिज कर दिया था.
इन 10 जनजातीय विधायकों में 7 बीजेपी के विधायक हैं. इन विधायकों ने मणिपुर की मौजूदा सरकार से बातचीत नहीं करने का फैसला किया है. मिज़ोरम की राजधानी आइजोल में बुधवार को एक बैठक के बाद इन प्रतिनिधियों ने एक साझा बयान जारी कर संविधान के तहत कुकी, हमार और ज़ोमी समुदाय वाले मणिपुर के जनजातीय इलाकों के लिए पूरी तरह अलग प्रशासन व्यवस्था करने की मांग उठाई है.
इन विधायकों ने गृह मंत्री अमित शाह को लिखे पत्र में कहा है कि “ज़मीनी हकीक़त यह है कि मणिपुर का अब बंटवारा हो गया है. हमारी जनजातियों की एक बड़ी आबादी इंफाल के मैदानी इलाकों से हट गई है. अब वहां कोई नहीं रहता और न ही पहाड़ी जिलों में अब मैतेई रहते हैं.”
पत्र में आरोप लगाया गया है कि, ‘मणिपुर की सरकार और उसके पुलिस तंत्र को साम्प्रदायिक बना दिया गया है जो कुकी आदिवासियों के ख़िलाफ काम कर रही है.’ विधायकों ने गृह मंत्री से उपयुक्त तंत्र के जरिए दो समुदायों के प्रशासनिक पृथक्करण के लिए गंभीरता से विचार करने की गुहार लगाई है.
इस बयान में विधायकों ने बताया कि बैठक में वर्तमान सांप्रदायिक संकट का सामना करने के लिए एकजुट होकर खड़े होने और वर्तमान मणिपुर सरकार के साथ किसी भी तरह की बातचीत या बातचीत में शामिल नहीं होने का संकल्प लिया गया है.