नवा रायपुर में अत्याधिक लागत में निर्माण कराकर डॉ. रमन ने राज्य की जनता का पैसा बर्बाद किया , पूर्व मुख्यमंत्री के आरोप पर आवास मंत्री का तीखा पलटवार
सर्वे व आकलन कराए बगैर निवेश किया गया, मांग न होने से संपत्ति बिक नहीं रही, इसके लिए पूर्व मुख्यमंत्री पूरी तरह से जिम्मेदार रायपुर : नवा रायपुर, अटल नगर में निर्मित रिटेल काम्पलेक्स के निर्माण के लिए गए ऋण के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह द्वारा कांग्रेस सरकार पर लगाए गए आरोप पर प्रदेश के आवास एवं पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर ने तीखा पलटवार किया है। उन्होंने कहा है कि मांग के आकलन एवं सर्वे किए बगैर निवेश करने तथा अत्याधिक लागत में निर्माण कराने के पूर्व सरकार के निर्णय के कारण ये स्थिति निर्मित हुई है। इस स्थिति के लिए पूरी तरह से पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह ही जिम्मेदार है। पूर्व सरकार ने अत्याधिक लागत में निर्माण कराया आज अपने शासकीय निवास कार्यालय में पत्रकारों को तथ्यों के साथ जानकारी देते हुए मंत्री मो. अकबर ने बताया कि उक्त रिटेल काम्पलेक्स की निर्माण लागत 262.31 करोड़ है। निर्माण की लागत अत्याधिक होने से रिटेल काम्पलेक्स की 9425 प्रति वर्ग फुट की दर रायपुर नगर के श्याम प्लाजा पण्डरी, मैग्नेटो माल तेलीबांधा एवं अन्य उपलब्ध बिल्टअप की दर से भी अधिक है। श्री अकबर ने जानकारी दी कि जब उक्त रिटेल काम्पलेक्स के भवन का निर्माण किया गया तब मार्केेट में इस परियोजना एवं इसकी मांग से संबंधित किसी भी प्रकार का सर्वे/आकलन आदि नहीं किया गया था। रियल इस्टेट में मंदी होने एवं नवा रायपुर में उक्त दर पर मांग न होने से परियोजना का समय सीमा में विक्रय होना संभव नहीं हो पाया। निर्मित 10 प्रतिशत कारपेट एरिया का ही विक्रय मंत्री मोहम्मद अकबर ने बताया कि नवा रायपुर अटल नगर के ग्राम कयाबांधा एवं ग्राम बरौदा के कुल भाग रकबा 2.659 हेक्टेयर भूमि में रिटेल काम्पलेक्स का निर्माण हुआ है। रिटेल काम्पलेक्स एवं वाणिज्यिक गतिविधियों के विकास हेतु यूनियन बैंक आॅफ इंडिया 169 करोड़ का ऋण प्राप्त कर जून 2016 में निर्माण प्रारंभ किया गया। उक्त निर्माण कार्य 31.12.2018 को पूर्ण किया गया। प्राप्त ऋण के विरूद्ध 20.71 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है। 30 जून 2021 की स्थिति में 158.29 करोड़ का ऋण शेष है। भवन में कुल विक्रय योग्य कारपेट एरिया लगभग 2.64 लाख वर्गफीट है। इसमें से 10 प्रतिशत, 0.27 लाख कारपेट एरिया का विक्रय किया जा चुका है। इसके अलावा 06 प्रतिशत, 0.17 लाख कारपेट एरिया मासिक किराया पर आबंटित है। भवन में 2.20 लाख कारपेट एरिया आबंटन/विक्रय हेतु शेष है। उपलब्ध बिल्टअप एरिया का आबंटन/विक्रय निविदा के जरिए निर्धारित फ्लोर वाईज प्रति वर्ग फुट कारपेट एरिया के दर पर किया जाता है। संपत्ति की बिक्री होने पर ऋण भुगतान हो जाता आवास एवं पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि डाॅ. रमन सिंह ने मुख्यमंत्री कार्यकाल में रहते उक्त रिटेल काम्पलेक्स का निर्माण कार्य बिना सोचे समझे, मार्केट में बिना मांग आदि का आकलन किए बहुत अधिक लागत में कराया गया है। इसके कारण ये स्थिति निर्मित हुई है। उन्होंने कहा कि मांग के अनुरूप निर्माण कार्य कराए होते तो ये नौबत नहीं आती। उक्त भवन का कारपेट एरिया बाजार मूल्य में आसानी से बिक जाता। अधिक लागत में निर्माण कराए जाने से कारपेट एरिया की बिक्री नहीं हो पाई है। कारपेट एरिया बिक गया होता तो ऋण भुगतान हो जाता। इस पूरे मामले में यदि कोई जिम्मेदार है तो पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह की नीति ही जिम्मेदार है। उन्होंने ऐसे भवन के निर्माण में राज्य के राशि का निवेश किया जिसकी मार्केट में कोई मांग नहीं है। मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह एवं उनकी नीतियां इस मामले में पूरी तरह से जिम्मेदार है। इस पर विचार कर पश्चाताप करने के बजाए डाॅ. रमन सिंह वर्तमान सरकार पर आरोप लगाने से बाज नहीं आ रहे है। अपने पूरे कार्यकाल में डाॅ. रमन सिंह ने प्रदेश की जनता की गाढ़ी मेहनत की कमाई को बर्बाद किया है।