नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी योजना से सशक्त होती नारी शक्ति
चंदखुरी की नागेश्वरी वर्मा ने बनाई एक अलग पहचान
रायपुर.
आरंग विकासखंड के ग्राम कठिया कि नागेश्वरी वर्मा अब किसी परिचय की मोहताज नहीं है। श्रीमती वर्मा ने बताया कि वे एक लघु कृषक मजदूर परिवार से है उनके परिवार में पति एवं दो बच्चे है। उनके द्वारा बिहान योजना अंतर्गत पशु सखी का कार्य किया जा रहा हैं। उनको बिहान जिला इकाई रायपुर द्वारा पशुपालन प्रबंधन पर 10 दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। उन्होनें बताया कि प्रशिक्षण उपरांत कार्य में गुणात्मक सुधार आया और उनके द्वारा ग्राम में बिहान से जुड़े सभी पशपालको को संगोष्ठी के द्वारा टीकाकरण, कृमिनाशक, बधियाकरण, पशु नश्ल सुधार की जानकारी साथ ही शासन द्वारा संचालित अन्य योजना जैसे मनरेगा से पशु शेडनिर्माण, पशुचिकित्सा विभाग से प्राप्त होने वाली योजनाओं आदि की जानकारी समूह से जुडी दीदियों को दी जा रही हैं।
नागेश्वरी वर्मा ने बताया कि उनके प्रयास से ग्राम में दो बकरी शेड ,तीन मुर्गी शेड , छःपशु शेड एवं छः वर्मी एवं नाडेप टांका का निर्माण किया गया है। श्रीमती वर्मा जय मां शीतला स्व-सहायता समूह से जुडी है। उन्होनें बताया कि अपने समूह से बर्ष 2019 में बीस हजार रुपये का ऋण लेकर विपरीत परिस्थियों में अपना स्वयं का एक छोटा किराना व्यवसाय प्रारंभ किया। जिससे अपने पति को रोजगार से जोड़ा और साल भर मे ऋण की वापसी ब्याज सहित कर दी। उन्होनें अपनी कड़ी मेहनत एवं हुनर से अपनी आय के कई संसाधन बना लिए है । उन्होनें अपने घर पर मनरेगा योजना के अभिसरण से एक मुर्गी शेड, एक नाडेप टांका भी बनाया गया है साथ अपनी स्वयं की लागत से एक वर्मी शेड भी बनाया है। शासन की बाड़ी योजना से प्रोत्साहित होकर अपने घर में बाड़ी का कार्य शुरू किया जिससे उन्हें अतिरिक्त आमदनी प्राप्त हुई। उन्होनें गोधन न्याय योजना से गोबर विक्रय कर भी आय अर्जित किया हैं। गौठानों में पशुओं के टीकाकरण हेतु पशुपालन विभाग द्वारा ट्रेविस किट एवं वित्तीय प्रोत्साहन राशि चार हजार आठ सौ रू. प्राप्त किया हैं।
उन्होंने बताया कि बिहान से जुडने के बाद उनके संयुक्त प्रयास से दो एकड में धान उत्पादन से 35 हजार रुपये, 2 टाके में वर्मी/नापेड खाद से 16 हजार, तीन गाय पालन से 35 हजार, एक किराना स्टोर से 18 हजार, 10 डिसमिल में सब्जी बाडी से 1 हजार, ब्रायलर मुर्गी पालन से 70 हजार, टेªनर के रुप में मानदेय से 6 हजार सहित अन्य मानदेय से 24 हजार वार्षिक आय प्राप्त होती है। इस प्रकार विभिन्न आजीविका गतिविधियों से उनके सम्मिलित परिवार की मासिक आय में 18 हजार रूपये की वृद्धि हुई है। उन्होंने बताया कि पहले उनके घर की आर्थिक स्थिति ठीक नही थी, गृहस्थी की गाडी जैसे तैसे चल रही थी। श्रीमती नागेश्वरी ने बताया कि बिहान से जुडने के बाद दृढसंकल्प ली की वह स्वावलम्बी बनकर अपने परिवार कि आर्थिक स्थिति ठीक करेंगी तथा अपने विकास के साथ समूह परिवार की गरीब महिलाओं को भी आर्थिक रूप से मजबूत बनाने में योगदान देगी । एक बिहान सेवा प्रदाता के रूप में समुदाय के लिए उनके द्वारा किया गया प्रयास उल्लेखनीय है।
उनके द्वारा रायपुर जिला के सभी विकासखंडों के 360 पशु सखियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है साथ हि जिला मुगेली, दुर्ग, बेमेतरा, महासमुन्द में भी मास्टर ट्रेनर के रुप में पशु सखियों को प्रशिक्षण दिया गया हैं। उनके द्वारा लगभग दो सौ बछड़ों का बधियाकरण, बीस कृत्रिम गर्भाधान तथा 15 किचन गार्डन के निर्माण में विशेष सहयोग दिया गया है। उन्होनें राज्य शासन को ध्न्यवाद ज्ञापित करते हुये कहा कि राज्य सरकार द्वारा महिलाओं को स्वावलंबी बनाने हेतु अनेक कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं। तथा महिलाओं को आर्थिक सशक्तिकरण का मार्ग प्रशस्त किया जा रहा है।