कोर्ट के सख्त होने के बाद भी हेट स्पीच पर लगाम क्यों नहीं, शांति के टापू में अशांति किसने फैलाई – ज़ाकिर घुरसेना
रायपुर. आज भारत देश की ओर सारे देश की नज़र रहती है हम विश्वगुरु बनने की ओर बढ़ रहे हैं। विश्व में कई मामलो में भारत की भूमिका वजनदार और निष्पक्ष रही है कई मामले भारत देश के मध्यस्थता के वजह से ही हल हुआ है। इसलिए समूचा विश्व भारत से उम्मीद लगाए रहता है, लेकिन इस असहिष्णुता के वजह से हम दुनिया में पहले नंबर में कैसे रह सकते हैं। छत्तीसगढ़ की राजधानी में पिछले दिनों भाजपा नेता नितिन नबीन का रायपुर आगमन हुआ था उन्होंने पत्रकारों से मुखातिब होते हुए कहा कि मदरसों में आतंकवाद, बम और देशद्रोह की शिक्षा दी जाती है। सरकार उनकी है हर मदरसे की निगरानी होनी चाहिए किसने रोका है। सिर्फ़ मदरसा ही नही किसी भी संस्थान में इस प्रकार की गतिविधियां नही होना चाहिए। देश के खिलाफ़ किसी तरह के काम हरगिज नहीं होना चाहिए। देश हित से बढ़कर कोई काम नही। यहां उनके द्वारा इस प्रकार का बयान कोई मायने नहीं रखता। हालांकि उनके इस हेट स्पीच के मामले में छत्तीसगढ़ में उनके खिलाफ एफआईआर कराया गया है। आज केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने भी कहा कि छत्तीसगढ़ शांतिप्रिय प्रदेश है। अब सवाल उठता है शांति के इस टापू में अशांति किसने फैलाई। देखा ये जा रहा है की जब जब चुनाव नज़दीक आते है इस प्रकार की भड़काऊ बयानों की झड़ी लग जाती है। अब छत्तीसगढ़ में नए नए किस्म के तनाव देखे जा रहे हैं। जिसे लव जिहाद,धर्म परिवर्तन हुए न जाने क्या के नाम दिया जा रहा है। लेकिन मकसद क्या है जनता सब समझ रही है। रिश्तों पर दाग लग रहा है जिसकी परवाह किसी को नहीं है। जिसे देखो साम्प्रदायिकता पर ही बयान बाजी करते नज़र आते हैं। इसकी परिणीति ये होती है की लोग उपद्रव और दंगा करने में भी पीछे नहीं रहते। सरकारी और निजी जान माल को नुकसान पहुंचने में भी नहीं हिचकते। आखिर ऐसा कब तक चलेगा। सुप्रीम कोर्ट ने इन सब बातो को देखते हुए पिछले बुधवार को जस्टिस के एम जोसेफ और जस्टिस बी वी नागरत्ना की पीठ ने नाराजगी जताते हुए कठोर शब्दों में निंदा की थी यहाँ तक कह दिया था की सरकारें नपुंसक हो गई हैं जो ख़ामोशी से ये सब देखती हैं और कार्रवाई नहीं करती साथ ही टीवी चैनल वालो को भी फटकार लगते हुए कहा की टीवी चैनल वाले समाज में विभाजन फैला रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने आगे यह भी कहा की टीवी चैनल सनसनीखेज समाचारों के जरिये टीआरपी बढ़ने अपने धन दाताओ के कहे अनुसार कार्य करते हैं। भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष देश में धर्म के नाम पर हेत क्राइम के लिए कोई जगह नहीं है। कोर्ट ने हेट स्पीच में कार्रवाई करने में देरी के लिए उत्तरप्रदेश पुलिस को फटकार भी लगाई है। इतना कहने सुनने के बाद भी हेट स्पीच रुकने का नाम नहीं ले रही है क्यों लोग सुप्रीम कोर्ट की बात को नज़रअंदाज़ कर रहे हैं। और किसी खास अजेंडे से प्रेरित होकर काम को अंजाम दे रहे हैं जो देश के विकास में बाधक तो है ही साथ ही देश की छवि पर भी बुरा असर डालता है। अभिव्यक्ति की आज़ादी का मतलब ये नहीं की की हम लोगो की भावनाओ पर चोट करें। टीवी चैनल में भी ये देखा जा रहा है की एक दूसरे से टीआरपी बढाने के चक्कर में मुद्दों को तोड़मरोड़ कर पेश करते है सनसनीखेज बनाते हैं। नेता किसी भी पार्टी के हों या टीवी चैनल के एंकर हो अगर वे अभद्र भाष का प्रयोग करते पाए जाते हैं तो उन पर भी कार्रवाई करनी चाहिए। बेमेतरा घटना के बाद छत्तीसगढ़ में जगह जगह हेट स्पीच दी गई, क्या इस हेट स्पीच से हम अलग हो जायेंगे कई पीढ़ी से हिन्दू मुस्लिमो और अन्य धर्मो के बीच सामाजिक सौहार्द बना हुआ है क्या इससे ख़त्म हो जायेगा? हरगिज नहीं। तात्कालिक लाभ इन्हे जरुर मिल सकता है लेकिन दीर्घकालीन नुकसान ही होगा। साथ ही इन हेट स्पीच देने वालो पर जुर्म दर्ज नहीं करने वाले अधिकारियो पर भी कार्रवाई करने का आदेश भी सुप्रीम कोर्ट ने दे रखा है तो इन पर भी कार्रवाई होना चाहिए। इन अधिकारियों पर कोर्ट के आदेश की अवमानना का केस भी दर्ज होना चाहिए। एक बार यह सख्ती से लागू हो जाए तो भविष्य में इसकी पुनरावृति होने की गुंजाईश कम ही रहेगी।