शिक्षा मंत्री टेकाम ने जारी किया एनुअल स्टेट्स ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट
रायपुर. स्कूल शिक्षा मंत्री डॉक्टर प्रेम साय सिंह टेकाम ने आज अपने निवास कार्यालय में एनुअल स्टेट्स ऑफ़ एजुकेशन रिपोर्ट 2022 ग्रामीण को जारी किया. मंत्री ने बताया कि असर द्वारा छत्तीसगढ़ की 28 ज़िलों में 1679 गाँव के 33,330 घरों तक पहुँचकर 3-16 उम्र के 64,131 बच्चों का सर्वेक्षण किया गया है. ग्रामीण क्षेत्रों में 5-16 उम्र वर्ग के बच्चों की पढ़ने गणित और अंग्रेज़ी पढ़ने लिखने की क्षमता का आंकलन किया गया है. महिला सर्वे 2021 अक्टूबर नवंबर में आयोजित किया गया था. जब महामारी के कारण कई महीनों स्कूल बंद रहने के कारण विद्यार्थियों का स्तर गिरा था. लर्निंग लॉस हुआ था. इसको देखते हुए शिक्षकों द्वारा किए गए विभिन्न नवाचार योजनाओं के चलते लर्निंग लॉस में व्यापक सुधार हुआ है.
टेकाम ने कहा, पढ़ने लिखने समझने के कौशल में बच्चों में अपेक्षित सुधार देखा गया है. भाषा के मामले में कक्षा तीसरी के बच्चों का अनुपात जो कक्षा दो स्तर का पाठ पढ़ सकते हैं उसके आंकड़े में 12% की वृद्धि हुई है, जो 2021 के सर्वे में 12.4% था जो 2022 में बढ़कर 24.2% हो गया है. इसी तरह कक्षा पाँचवी और आठवीं में भी 10.6 और 7.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
इसके अलावा गणित में कक्षा पाँचवी में बच्चों का प्रतिशत 2018 में 26.9% था जो कोरोना के चलते 2021 में तेरह प्रतिशत हो गया था, लेकिन 2022 में इसमें 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है और आंकड़ा 24.9% पहुँच गया है. अंग्रेज़ी में कक्षा पाँचवी के बच्चों की सरल अंग्रेज़ी वाक्य पढ़ने की क्षमता 2016 में लगभग 16% था तो वहीं कक्षा 8वीं के बच्चों में 2016 की तुलना में 2022 में 6.4% का सुधार हुआ है. इस तरह 2022 में 42.6% हो गया है.
बच्चों और शिक्षकों की उपस्थिति में अपेक्षित सुधार नहीं
रिपोर्ट की मानें तो विद्यार्थियों और शिक्षकों की उपस्थिति में कोई बड़ा बदलाव नहीं देखा गया है. शिक्षकों की औसत उपस्थिति 2021 के 85.9 प्रतिशत से 2022 में 86.8% ही हुई है, जबकि विद्यार्थियों की औसत उपस्थिति 2021 के 59.1- बढ़कर 2022 में 70 .9% हो गई है.
स्कूल जतन योजना बदलेगी तस्वीर
शिक्षा मंत्री ने कहा शिक्षकों द्वारा किए जा रहे नवाचार के चलते ही शिक्षा गुणवत्ता में सुधार हो रहा है. गर्मी में भी जहाँ अंगना में शिक्षा कार्यक्रम को जारी रखते हुए समुदाय और माताओं को जोड़ा जाएगा. वहीं स्कूल जतन योजना के माध्यम से स्कूल के जीर्णोद्धार एवं मरम्मत पर ज़ोर दिया गया है, ताकी विद्यार्थियों को नए सत्र में स्कूल में पढ़ने के लिए अच्छा वातावरण मिल सके. मंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ पहला राज्य है, जहाँ बच्चों को स्थानीय भाषा में शिक्षा देने के लिए भाषायी सर्वे के आधार पर सुधारात्मक कार्य करने की दिशा में पहल की गई है.