कंदीय फसलों पर आधारित एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण का आयोजन

कांकेर. अखिल भारतीय समन्वित कंद फसल अनुसंधान परियोजना के अंतर्गत एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन कृषि महाविद्यालय एवं अनुसन्धान केंद्र सिंगार-भाट कांकेर के द्वारा भानुप्रतापपुर विकासखंड के ग्राम चलेवा  में किया गया !  परियोजना के प्रभारी डॉ फूलसिंह मरकाम के द्वारा कार्यक्रम की रूप रेखा और कंदीय फसलों की संभावना के बारे में विस्तार से बताया गया ! डॉ नितिन कुमार रस्तोगी,  अधिष्ठाता ने कंदीय फसलों के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुये सेमरकंद, जिमिकंद, कोचई के पोषक तत्व और मानव शरीर पर उनके प्रभाव के बारे में कृषको को जानकारी दी! अखिल भारतीय समन्वित कंद फसल अनुसन्धान परियोजना की प्रमुख अन्वेष्क डॉ पदमाक्षी ठाकुर ने इस परियोजना के अंतर्गत शोध की जाने वाली सभी कंदीय फसल सेमरकांदा, जिमिकांदा, अरोरुट, तिखुर, डांगकांदा, कोचई, बैचाँदी, केउकांदा, नागरकांदा आदि फसलों की खेती और किस्मों के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी देते हुये कृषको के सवालों के जवाब दिये! डॉ जीवन सलाम, सह प्राध्यापक ने कंदीय फसलों के किस्मों और किस्म बनने की प्रकिया के साथ साथ पारम्परिक महत्व को उजागर किये! कार्यक्रम में ग्राम प्रमुख श्री रामदूलार भेड़िया, समाज प्रमुख श्री विसम्भर बंजारे, सतनामी समाज संरक्षक नरहरि कटेले, पुनीत राम गेंदले वार्ड पंच, सतनामी समाज प्रमुख नरोत्तम दास कटेले ने कृषको के समक्ष अपने विचार प्रकट किये! कार्यक्रम का संचालन श्री अनिल नेताम सहायक प्राध्यापक ने किया! इस अवसर पर  प्रदीप गंजीर, खेमेश्वर, सचिन, गोवर्धन खुटले सहित बड़ी संख्या में महिला पुरुष कृषक शामिल हुये! कार्यक्रम में उपस्थित  कृषको को कंदीय फसलों के बीज, कृषि उपकरण और सब्जी के बीज का वितरण किया गया!

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