डौण्डी तहसील के 9505 कृषकों के बैंक खाते में 18 करोड़ से अधिक की राशि अंतरित

बालोद. जिले में फसल बीमा योजना के तहत् डौण्डी तहसील के 9505 कृषकों के बैंक खाते में खरीफ वर्ष 2021-22 के लिए 18 करोड़ 44 लाख 87 हजार 837 रुपए अंतरित की गई है। कृषि विभाग के उप संचालक ने बताया कि कलेक्टर  कुलदीप शर्मा के निदेर्शानुसार डौण्डी विकासखण्ड के ग्राम कामता एवं कुसुमटोला में गुरूवार 19 जनवरी को फसल बीमा के प्रचार-प्रसार हेतु बैठक भी आयोजित की गई थी। जिससे कि किसान समय पर बीमा योजना के लाभ लेने हेतु निर्धारित प्रक्रिया को पूरा कर इस योजना का समुचित लाभ ले सकें।

शिविर में बताया गया कि खरीफ वर्ष 2020-21 में तहसील डौण्डी के 112 ग्रामों में धान सिंचित एवं धान असिंचित फसलों के लिए अधिसूचित है। खरीफ वर्ष 2020-21 में ऋणी कृषक 11509 एवं अऋणी कृषक 289 कुल 11,798 कृषकों का 18048.33 हेक्टेयर रकबे का फसल बीमा किया गया। इसी तरह धान सिंचित में 176 कृषकों को 25 लाख 97 हजार 182.91 रुपए एवं धान असिंचित में 5837 कृषकों को 06 करोड़ 86 लाख 74 हजार 656.68 रुपए कुल 07 करोड़ 12 लाख 71 हजार 839.60 रुपए एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी आॅफ इंडिया लिमिटेड रायपुर के द्वारा एनईएफटी के माध्यम से कृषकों के खाते में राशि अंतरित की गई है। खरीफ वर्ष 2021-22 में 11,603 कृषकों का 17,805.84 हेक्टेयर में फसल बीमा किया गया है। जिसमें से 9505 कृषकों को 18,44,67,837.50 रू. दावा राशि कृषकों के खाते में अंतरित किया गया है।

शिविर में कृषि विभाग एवं एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी आॅफ इंडिया लिमिटेड रायपुर के द्वारा बीमा के संबंध में कृषकों को बताया गया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना वर्ष 2016 से छत्तीसगढ़ में संचालित की जा रही है, जिसमें बीमा इकाई में अधिसूचित फसल का रकबा 10 हेक्टेयर या उससे अधिक होने पर उस फसल को संबंधित बीमा इकाई के लिए अधिसूचित किया जाता है। शासन द्वारा निर्धारित ऋणमान के आधार पर प्रीमियम दर निर्धारित किया जाता है। खरीफ में प्रीमियम दर 2प्रतिशत तथा रबी में 1.5प्रतिशत कृषकों के द्वारा जमा करना होता है। बीमित कृषकों को फसल पैदावार के आधार पर राज्य शासन फसल उत्पादन के लिए अधिसूचित बीमा इकाई में अधिसूचित फसलों पर 04 फसल कटाई प्रयोग भारत सरकार के मोबाईल एप्प सीसीई एग्री एप्प के माध्यम से कराया जाता है। फसल कटाई प्रयोग से प्राप्त वास्तविक उपज, थ्रेसहोल्ड उपज से कम होने पर क्षतिपूर्ति देय होती है, यदि वास्तविक उपज, थ्रेसहोल्ड उपज से अधिक होती है तो क्षतिपूर्ति राशि देय नहीं है।

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