MBBS डॉक्टरों के लिए प्रस्तावित नेशनल एक्जिट टेस्ट में डॉक्टरों की पढ़ाई को परखने का बदलेगा तौर-तरीका

एमबीबीएस डॉक्टरों के लिए प्रस्तावित नेशनल एक्जिट टेस्ट (नेक्सट) में डॉक्टरों की पढ़ाई को परखने का तौर-तरीका बदल जाएगा। इस परीक्षा के दौरान छात्रों को सिविल सेवा परीक्षा, आईआईटी की जेईई एवं एडवांस जैसी परीक्षाओं के पैटर्न पर परखा जाएगा। उन्हें प्राबल्म साल्विंग (समस्या के समाधान), एनॉलिटिकल स्किल (विश्लेषणात्मक कौशल), कांप्रिहेंसिव (बोधगम्यता) जैसे बहुविकल्पीय प्रश्नों के उत्तर देने होंगे।

मौजूदा समय में एमबीबीएस के छात्रों को अंतिम वर्ष की परीक्षा कॉलेज या संबंधित विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित परीक्षा के आधार पर पास करनी होती है, जिसमें मूलत वही प्रश्न पूछे जाते हैं, जो विषय उन्हें पिछले पांच-साढ़े पांच साल में पढ़ाए गए हैं। लेकिन, अगले साल से नेक्स्ट टेस्ट लागू होने के बाद एमबीबीएस अंतिम वर्ष की परीक्षा की जगह यह टेस्ट ले लेगा। जो छात्र विदेशों से पढ़ाई करके आते हैं, उन्हें भी यह पास करना होगा।

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