धान खरीदी केन्द्र नागपुर में 70 बोरा अमानक धान जब्त

कलेक्टर श्री ध्रुव ने औचक निरीक्षण के दौरान की कार्यवाही
अमानक धान लेकर आने वाले व्यापारी कृषक का शेष रकबा समर्पित

रायपुर.

कलेक्टर श्री ध्रुव ने औचक निरीक्षण के दौरान की कार्यवाही

मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के कलेक्टर श्री एस. ध्रुव ने आज मनेन्द्रगढ़ ब्लाक के धान खरीदी केन्द्र नागपुर के औचक निरीक्षण के दौरान वहां समर्थन मूल्य पर धान बेचने आए व्यापारी कृषक श्री विजय शंकर जायसवाल का 70 अमानक धान जब्त किए जाने की कार्यवाही की। कलेक्टर ने निरीक्षण के दौरान व्यापारी कृषक विजय शंकर जायसवाल द्वारा बेचने के लिए लाए गए धान का मुआयना करने पर यह पाया कि धान की क्वालिटी ठीक नहीं है। बोरे में भरे नये धान के साथ पुराना बदरा धान की मिलावट की गई है। उन्होंने मौके पर मौजूद अधिकारियों से श्री जायसवाल द्वारा लाए गए धान की पलटी कराई तो उसमें बड़ी मात्रा पुराना सुरही लगा बदरा धान भरा हुआ था। कलेक्टर ने इस मामले में जब पूछताछ की तो श्री जायसवाल ने यह स्वीकार किया कि उसने 70 बोरे धान में 25 बोरा पुराने धान की मिलावट की है, जिसे उसने किसानों से पहले खरीदा था।
मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि श्री विजय शंकर जायसवाल कोचिया का भी काम करता है। कलेक्टर ने श्री जायसवाल के उक्त कृत्य को लेकर नाराजगी जताई और उसके नाम पर दर्ज शेष रकवा का समर्पण किए जाने की कार्यवाही भी की. ताकि वह आगे इस तरह का कृत्य न कर सके। कलेक्टर ने धान उपार्जन केन्द्र के प्रभारी को धान खरीदी में पूरी तरह सतर्कता बरतने और अमानक धान न खरीदे जाने के कड़े निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि धान खरीदी में किसी भी तरह की गड़बड़ी और मिली भगत करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को कोचियों पर कड़ी निगाह रखने और गड़बड़ी करने वाले के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराने के भी निर्देश दिए।
कलेक्टर श्री ध्रुव ने धान खरीदी केन्द्र चैनपुर और बरबसपुर का भी निरीक्षण कर धान खरीदी की व्यवस्था का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने धान बेचने आए कृषकों से चर्चा की और धान बेचने के एवज में भुगतान के बारे में भी जानकारी ली। कलेक्टर ने किसानों को मानक स्तर का धान बेचने के लिए खरीदी केन्द्र में लाने की समझाईश दी। उन्होंने कहा कि समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के समान ही छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा कोदो, कुटकी, रागी की समर्थन मूल्य पर खरीदी की व्यवस्था की गई है। उन्होंने किसानों से अपनी उच्चहन और पड़ती भूमि में कोदो, कुटकी रागी की खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया।

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