प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का आरोप:मरकाम बोले- 14 सीट में सिमटीं 5 उपचुनाव हारे इसलिए…

बुधवार को रायपुर के प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पार्टी का स्थापना दिवस मनाया गया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने इस दौरान पार्टी के हित मंे काम करने का संकल्प नेताओं को दिलाया। मीडिया से चर्चा में मरकाम ने भाजपा को घेरा। आरक्षण के मसले पर भी बात की। ये भी बताया कि आने वाले 3 जनवरी को कांग्रेस रायपुर में होने वाली महारैली में कितना जोर लगाने जा रही है।

मोहन मरकाम ने राज्यपाल की ओर से आरक्षण संशोधन विधेयक पर हस्ताक्षर न करने पर कहा- अपने आपको आदिवासी हितैषी कहने वलों का असली चेहरा प्रदेश के सामने उजागर हुआ है। वो कल तक आरक्षण की बात कहते थे, सरकार को चिट्‌ठी लिखते थे कि विधेयक लाइए हम फौरन हस्ताक्षर करेंगे, आज उसी समाज के लोग मिलने जाते हैं तो मिलते नहीं इससे बड़े दुर्भाग्य कि बात क्या होगी।

माेहन मरकाम ने भाजपा पर आरक्षण विधेयक अटकाने का आरोप लगाया। ये भी बताया कि 3 जनवरी को कांग्रेस क्या करने जा रही है, उन्होंने कहा- 3 जनवरी को हम प्रदेश की जनता को उसका हक और अधिकार दिलाने के लिए जन अधिकार रैली निकालने जा रहे हैं। इस दौरान पूरे प्रदेश से 1 लाख से अधिक लोग आएंगे । भाजपा के लोग संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्ति पर दबाव डालकर लोगों को अधिकार मिलने से रोक रही है, जनता ने भाजपा को 14 सीटों में समेट दिया, 5 उप चुनाव हारे, इसलिए जनता से बदला लेने के लिए संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति का दुरुपयोग कर आरक्षण विधेयक भाजपा रोक रही है।

ED और CBI का उपयोग कांग्रेस के खिलाफ कांग्रेस के स्थापना दिवस कार्यक्रम में मोहन मरकाम ने कार्यकर्ताओ ंसे कहा कि जहां-जहां हमारी सरकार है, केंद्र में बैठी भाजपा संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर रही है । ईडी और सीबीआई विपक्ष को कमजोर करने, कांग्रेस के खिलाफ इस्तेमाल किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में भाजपा कमजोर है इसलिए कांग्रेस सरकार को बदनाम करने के लिए संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर रही है, हमनें संकल्प लिया है कि ऐसी ताकतों से हमें लड़ना है ।

देश काे आजाद कराने मंे कांग्रेस का योगदान मोहन मरकाम ने कांग्रेस के स्थापना दिवस को लेकर कहा कि आजादी से पहले कांग्रेस की स्थापना हुुई। कहा जाता था कि ब्रिटिश राज्य का सूरज कभी अस्त नहीं होग, मगर कांग्रेस पार्टी ये करने में सफल रही, आजादी के आंदोलन में अहम योगदान रहा। आजादी के बाद देश के नव निर्माण देश की प्रगति में कांग्रेस का योगदान है।

अंग्रेज ने बनाई थी कांग्रेस कांग्रेस का गठन आजादी से 62 साल पहले 28 दिसंबर 1885 को किया गया था। मुंबई में कांग्रेस का पहला अधिवेशन हुआ। पार्टी की अध्यक्षता करने का पहला मौका कलकत्ता हाईकोर्ट के बैरिस्टर व्योमेश चन्द्र बनर्जी को मिला। यह बात और है कि इस पार्टी की नींव किसी भारतीय ने न रखकर एक रिटायर्ड अंग्रेज ऑफिसर ने रखी थी। कांग्रेस पार्टी के जन्मदाता रिटायर्ड अंग्रेज अफसर एओ ह्यूम (एलन आक्टेवियन ह्यूम) थे। कहा यह भी जाता है कि तत्कालीन वायसराय लार्ड डफरिन (1884-1888) ने पार्टी की स्थापना का समर्थन किया था। इस अंग्रेज आफिसर एओ ह्यूम को पार्टी के गठन के कई सालों बाद तक भी पार्टी के संस्थापक के नाम से वंचित रहना पड़ा। 1912 में उनकी मृत्यु के पश्चात कांग्रेस ने यह घोषित किया कि एओ ह्यूम ही इस पार्टी के संस्थापक हैं। कांग्रेस पार्टी के गठन के संदर्भ में गोपाल कृष्ण गोखले ने लिखा है कि एओ ह्यूम के सिवाए कोई भी व्यक्ति कांग्रेस का गठन नहीं कर सकता था।

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