पूर्व मंत्री राजेश मूणत का बड़ा खुलासा :CG में 5 हजार 127 करोड़ रुपए के चावल का घोटाला
भारतीय जनता पार्टी प्रदेश में बड़े चावल घोटाले का दावा कर रही है। पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने इस मुद्दे पर सोमवार काे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस ली। इस दौरान उन्होंने कहा कि, अब तक का सबसे बड़ा चावल घोटाला प्रदेश में हुआ है। उन्होंने कांग्रेस सरकार पर गरीबों का हक छीनने का आरोप लगाया। ये भी कहा कि सरकारी राशन दुकानों से जनता के राशन की कालाबाजारी गई।
राजेश मूणत ने अपना दावा कोविड काल में केंद्र से राज्य को मिले चावल पर किया है। कहा है कि जितना चावल आया वो बांटा नहीं गया, और बड़ी मात्रा में चावल में हेर-फेर कर इसका घोटाला किया गया। मूणत ने अब राज्य को केंद्र से मिले चावल का पूरा हिसाब मांगा है, प्रदेश की तरफ से भी कोविड काल में अतिरिक्त चावल बांटने का दावा किया गया था, भाजपा ने उसका भी हिसाब मांगा है।
पूर्व मंत्री मूणत का दावा
राजेश मूणत ने कहा- भारत सरकार ने कोविड काल में संवेदनशीलता दिखाते हुए गरीबों के लिए चावल भेजा। ये अप्रैल 2020 से दिसंबर 2022 तक कुल 33 महीनों में करीब 3 करोड़ 80 लाख 61 हजार 540 क्विंटल चावल होता है। ये पूरा राशन केंद्र ने राज्य को दिया। इसे लोगों को बांटा जाना था। मूणत के मुताबिक प्रदेश में इस चावल में से 2 करोड़ 29 लाख 80 हजार 711 क्विंटल चावल बांटा गया।
मूणत ने साफ कहा है कि, करीब 1 करोड़ 50 लाख 80 हजार 829 क्विंटल चावल बांटा नहीं गया। ये चावल गया कहां कोई नहीं जानता, ये रखा कहां है ये भी किसी को नहीं पता। इसकी कीमत 5 हजार 127 करोड़ होती है। इतनी बड़ी राशि के चावल का घपला किया गया है। 4 सालों तक राशन के स्टॉक का ऑडिट नहीं कराया गया, जिससे ये बात पुख्ता होती है कि बड़ी गड़बड़ी उजागर न हो जाए इसलिए स्टॉक ऑडिट नहीं हुआ।
भाजपा की मांग
मूणत ने अपनी बात रखते हुए कहा है कि प्रदेश में 63 लाख के करीब गरीब परिवार हैं जिनमें लोगों की संख्या 2 करोड़ के आस-पास है। केंद्र सरकार की ओर से गरीब राशन कार्ड धारियों को चावल भेजा गया। प्रदेश सरकार ने कहा है कि उन्होंने भी गरीबों को राशन बांटा है। हमारी मांग है कि केंद्र के चावल कितने, कब, किस जिले में बांटे गए और कितना स्टॉक बचा। ऐसे ही राज्य सरकार ने कितना चावल बांटा और स्टॉक बचा इसकी जानकारी सार्वजनिक करे।
इस वजह से फूटा मामला
केन्द्र सरकार की एक चिट्टी ने खाद्य विभाग के साथ नागरिक आपूर्ति निगम के अफसरों की चिंता बढ़ा दी है। पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत हर महीने मिलने वाले राशन में हेराफेरी करने की बात सामने आ रही है। दरअसल केंद्र सरकार ने 30 सिंतबर 2022 को एक आदेश जारी किया था। इसमें प्रदेश को केंद्र सरकार से अब तक जितना चावल मिला है, उसके स्टाक का भौतिक सत्यापन करने और उसे पुणे के मेन सर्वर में अपडेट करने कहा था। केंद्र के आडिट रिपोर्ट मांगे जाने के बाद प्रदेश स्तर पर खाद्यान्न घोटाले का हल्ला मच गया क्योंकि कोई पुख्ता डेटा केंद्र को नहीं दिए जाने की बात सामने आई। सामने आने के बाद जिला स्तर पर कार्रवाई की शुरूआत हो गई है।