केंद्र सरकार ने पैसे देने से फिर किया इनकार, CM ने अधिकारियों से कोई रास्ता निकालने कहा

नई पेंशन योजना के तहत कर्मचारियों और राज्य सरकार के अंशदान की राशि केंद्र सरकार के पास जमा है। कर्मचारियों के पेंशन भुगतान के लिए राज्य सरकार को इसकी जरूरत पड़ेगी। लेकिन केंद्र सरकार बार-बार कह रही है कि यह रकम लौटाने की कोई व्यवस्था ही नहीं है। अब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वित्त विभाग के अधिकारियों को कहा है कि वे कर्मचारी संगठन से बात कर इसका रास्ता निकालें।

AIMIM यानी आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन औवसी ने सोमवार को लोक सभा में पुरानी पेंशन योजना का सवाल उठाया था। उसके लिखित जवाब में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत कराड ने बताया, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड की राज्य सरकारों ने पुरानी पेंशन योजना बहाली की अधिसूचना जारी कर उसकी जानकारी दी है। इन तीन राज्यों ने नवीन पेंशन योजना के तहत कर्मचारियों और राज्य सरकार के अंशदान की PFRDA- पेंशन विनियामक विकास प्राधिकरण में जमा राशि वापस लौटाने का प्रस्ताव दिया है। PFRDA ने भी इन सरकारों को बता दिया है कि इससे संबंधित कानूनों और नियमों में इस राशि को राज्य सरकारों को वापस लौटाने का कोई प्रावधान ही नहीं है। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया है कि केंद्र सरकार के पास पुरानी पेंशन योजना की बहाली का कोई प्रस्ताव भी विचाराधीन नहीं है।

इधर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रायपुर में कहा, यह पैसा विशुद्ध रूप से राज्य के कर्मचारियों का है। उसमें राज्य का अंशदान है। भारत सरकार का इसमें एक पैसा भी नहीं है। केंद्रीय कर्मचारियों का पैसा उनके पास लेकिन यह जो पैसा है वह राज्य के कर्मचारियों का है, राज्य के अंशदान का है। इसके लिए हम लगातार मांग कर रहे हैं और केंद्र सरकार का इसमें नकारात्मक रवैया है। इसके लिए कल ही मैंने अधिकारियों को कहा है कि कर्मचारी संगठन के साथ बैठक करें और इसका क्या रास्ता निकल सकता है उसपर विचार-विमर्श करे। उसके बाद हम लोगों तक आए ताकि हम कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम लागू किये हैं उसका हल निकल सके। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, हम पुरानी पेंशन योजना के लिए प्रतिबद्ध हैं।
उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है, सरकार की कोशिश कर्मचारी संगठन से बात कर एक नई रणनीति पर सहमति बनाने की होगी। इसके तहत सरकार को सलाह मिली है कि नई पेंशन योजना के तहत सरकार का करार कर्मचारी से है। ऐसे में कर्मचारी अपने अंशदान खाते में जमा रकम निकाल सकते हैं। अगर कर्मचारी यह रकम निकालकर राज्य सरकार के खुलवाएं पेंशन खाते में जमा कर दें तो चीजें आसान हो जाएंगी। ऐसा करने को केंद्र सरकार नहीं रोक पाएगी।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के कांग्रेस घोषणापत्र में पुरानी पेंशन योजना का वादा शामिल था।

पिछले महीने हिमाचल प्रदेश चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में जो 10 गारंटी दी थी, उसमें कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली भी थी। उदाहरण के तौर पर छत्तीसगढ़ को दिखाया गया था। उस समय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से सवाल हुए थे कि केंद्र सरकार पहले से जमा रकम नहीं लौटा रहा है। ऐसे में राज्य सरकार पुरानी पेंशन कैसे दे पाएगी। तब मुख्यमंत्री ने कहा था, इसपर लीगल एडवाइज यानी कानूनी सलाह ली जा रही है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सरकारी कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा आदि का हवाला देकर 9 मार्च 2022 को पुरानी पेंशन योजना बहाली की घोषणा की थी। उससे पहले राजस्थान सरकार यह योजना लागू कर चुकी थी। बाद में इस योजना को राजपत्र में प्रकाशित कर लागू कर दिया गया। इसी के साथ नई पेंशन योजना के तहत कर्मचारियों के वेतन हो रही 10% की कटौती भी बंद हो गई। सामान्य भविष्य निधि नियम के अनुसार मूल वेतन की कम से कम 12% राशि सामान्य भविष्य निधि-GPFके लिए काटी जाने लगी। राज्य सरकार ने GPF खातों के ऑडिट का नियंत्रण भी महालेखाकार कार्यालय से वापस लेकर वित्त विभाग को दे दिया।

राज्य सरकार की वित्त सचिव ने 20 मई को PFRDA- पेंशन विनियामक विकास प्राधिकरण को पत्र लिखा। इसमें कर्मचारियों और राज्य सरकार के अंशदान के तौर पर जमा 17 हजार 240 करोड़ रुपए की राशि वापस देने का आग्रह किया गया। जवाब में PFRDA की ओर से कहा गया, यह रकम लौटाने का कोई कानूनी प्रावधान ही नही है। जून 2022 में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर यह रकम वापस मांगी। उसका भी कुछ ऐसा ही जवाब मिला। अब संसद में ऐसा ही लिखित जवाब दिया गया है।

छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा का कहना है कि इस साल दिसम्बर अंत तक 4200 कर्मचारी-अधिकारी रिटायर होने वाले हैं। ये लोग नवीन पेंशन योजना वाले हैं। यानी इन लोगों के अंशदान की राशि केंद्र सरकार के पास जमा है। अगर वह पैसा नहीं मिला तो इन कर्मचारियों की पेंशन नहीं बंध पाएगी। ऐसे में सरकार को नये बजट प्रावधानों में पेंशन के लिए अलग व्यवस्था करनी होगी। ऐसा नहीं हुआ तो कर्मचारियों की दिक्कत बढ़ जाएगी। वहीं वित्त विभाग के अधिकारियों का कहना है इस संबंध में जल्दी ही कर्मचारी संगठनों से चर्चा की जाएगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button