मुंबई की तरह बाहरी लोगों को भगाने चलेगी मुहिम, नेता बोले- मूल निवासियों का करेंगे संरक्षण

शिवसेना के स्थानीय नेताओं ने प्रदेश में अभियान चलाने का ऐलान किया है। इस पार्टी ने अपने लेटर पर एक बात लिखी है, जिससे सियासी बखेड़ा खड़ा हो सकता है। शिवसेना छत्तीसगढ़ में स्थानीय और बाहरी लोगों के मुद्दे को लेकर सड़क पर उतरने की तैयारी में है। माना जा रहा है कि आने वाले विधानसभा चुनावों में इसे नए रूप के साथ वोटर के दिल में जगह बनाने की विवादित कोशिश शिवसेना छत्तीसगढ़ में कर सकती है।

बाहरी लोगों को लेकर जो लेटर जारी हुआ है इस पर लिखा गया है- शिवसेना ने महाराष्ट्र में जिस तर्ज पर बाहरी लोगों को भगाने के लिए नारा दिया था “बजाओ पुंगी और भगाओ लुंगी, उसी के तरीके से छत्तीसगढ़ शिवसेना छत्तीसगढ़िया लोगों के मान-सम्मान और उनके हक अधिकार, संस्कृति, सभ्यता और खानपान, रहन-सहन की रक्षा करने के लिए गांव-गांव में संरक्षण के लिए अभियान चलाएगी । सरकार के नियम के अनुसार छत्तीसगढ़ के मूल निवासी की जो परिभाषा दी गई है उसके तहत अभियान चलाएगी।

बाला साहब ने लुंगी हटाने का नारा दिया था
शिवसेना के संस्थापक कहे जाने वाले बाला साहब ठाकरे ने बाहरी लोगों को मुंबई से भगाने का अभियान चलाया था। शिवसेना के दावों को देखकर साफ है कि यहां भी इस तरह के अभियान की शुरुआत हो सकती है। 60 के दशक में मुंबई में बड़े कारोबार पर गुजरातियों का कब्जा था। वहीं छोटे कारोबार में दक्षिण भारतीयों और मुस्लिमों की हिस्सेदारी काफी ज्यादा थी। यानी मुंबई में मराठियों के लिए काफी कम स्कोप था।

उस समय नौकरियों का अभाव था और बाल ठाकरे ने 1966 के मेनिफेस्टो में दावा किया कि दक्षिण भारतीय लोग मराठियों की नौकरियां छीन रहे हैं। उन्होंने मराठी बोलने वाले स्थानीय लोगों को नौकरियों में तरजीह दिए जाने की मांग को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया। उन्होंने दक्षिण भारतीयों के खिलाफ ‘पुंगी बजाओ और लुंगी हटाओ’ अभियान चलाया था। ठाकरे तमिल भाषा का उपहास करते हुए उन्हें ‘यंडुगुंडू’ कहते थे। वो अपनी पत्रिका मार्मिक के हर अंक में उन दक्षिण भारतीय लोगों का नाम छापा करते थे जो मुंबई में नौकरी कर रहे थे और जिनकी वजह से स्थानीय लोगों को नौकरी नहीं मिल पा रही थी।

स्थानीय नेता तैयारी में
शिवसेना छत्तीसगढ़ के प्रदेश प्रमुख आनंद सिंह मल्होत्रा ने कहा- उद्धव बाला साहेब ठाकरे की शिवसेना द्वारा छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण को रोकने का भी अभियान चलाया जाएगा। मल्होत्रा ने कहा कि हमारा संगठन प्रदेश में 80% समाज सेवा 20% राजनीति करता है। पिछले 36 सालों से काम किए जा रहे हैं। अब राष्ट्रीय मुख्यालय मुंबई, दादर, शिवसेना भवन से दिए गए निर्देश के अनुसार नए सिरे से काम होंगे।

आधिकारिक बयान में शिवसेना ने कहा है- मुंबई से मिले निर्देशों के बाद अब पूरे प्रदेश में धर्मांतरण के खिलाफ आन्दोलन होंगे। प्रशासन और आम लोगों को जानकारी दी जाएगी। जो भी जाति समाज के लोग हिन्दू धर्म को छोड़कर अन्य धर्मों में गए हैं उन्हें हिन्दू धर्म में वापस लाने के अभियान होंगे। जो लोग शिवसेना के नाम पर लोगों को धमकाते हैं ऐसे तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की शिकायत करेंगे।

इन मुद्दों पर शिवसेना शुरू करेगी अभियान

  • शिवसेना की तरफ से कहा गया है, कोरोन काल में मृत शिक्षाकर्मियों की विधवाओं को अनुकंपा नियुक्ति दी जाए
  • महिलाओं को दिए जाने वाले पेंशन को बढ़ाया जाए।
  • शिक्षित बेरोजगारों को दिए जाने वाले भत्ते को बढ़ाया जाए।
  • किसानों का धान 15 क्विंटल खरीदा जा रहा है जिसे बढ़ाकर 20 क्विंटल किया जाए।
  • सरकार पुरुष सहायता समूह बनाकर उन्हें काम दे।
  • शराब बंदी लागू हो पूरे प्रदेश में।
  • खनिज नीति में संशोधन कर गांव के शिक्षित बेरोजगारों को रेत खदान, गिट्टी खदान, मुरूम खदान अन्य खनिज खदानों का लाइसेंस देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाएं।
  • लौह अयस्क खदान 90% तक स्थानीय लोगों को काम पर रखा जाए।
  • छत्तीसगढ़ प्रदेश में खुल रहे कारखानों में या बड़ी कंपनियों में छत्तीसगढ़ के निवासियों को प्राथमिकता के आधार पर 80% को नौकरी पर रखा जाए।
  • प्रदूषण की समस्याओं कड़ाई से रोकने पर्यावरण और विभाग वन विभाग संयुक्त रूप से योजना बनाकर काम करें।
  • बिजली विभाग में खुले तारों को अंडर ग्राउंड करे, हर कॉलोनी और सड़क में।
  • दैनिक वेतन भोगियों को नियमित किया जाए।
  • दुर्ग भिलाई रायपुर निगम क्षेत्र को मिलाकर ग्रेटर रायपुर बनाया जाए।
  • खेतिहर जमीन पर जो कॉलोनी बनाई गई है उसपर रोक लगाई जाए ताकि कृषि उत्पादन औ जैव विविधता का नुकसान न हो।

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