बजट सत्र में भारत के क्रिप्टोकरेंसी बिल के आने की उम्मीद बेहद कम, जानिए वजह
नई दिल्ली . संसद के आगामी बजट सत्र में केंद्र द्वारा बहुप्रतीक्षित क्रिप्टोकरेंसी बिल (cryptocurrency bill) पेश करने की संभावना नहीं है. इस जटिल मुद्दे पर और ज्यादा विचार-विमर्श व चर्चा की जरूरत है.
साथ ही रेगुलेटरी फ्रेमवर्क में आम सहमति बनाना भी जरूरी है. रिजर्व बैंक अगले कुछ महीने में डिजिटल मुद्रा के लॉन्च की तैयारी कर रहा, सरकार इसका भी इंतजार कर रही हैं.
इस पूरे मामले से जुड़े वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ईटी से यह जानकारी साझा की. उन्होंने कहा कि क्रिप्टो बिल शायद इस बजट सत्र में पेश नहीं होगा. यह एक बेहद जटिल विषय है, जिसे और समय देने की आवश्यकता है.
ग्लोबल स्टैंडर्ड पर सरकार की नजर
CNBC TV18 ने अपनी एक रिपोर्ट में सरकारी सूत्रों के हवाले से कहा है, ‘सरकार यह देखना चाहती है कि यूरोपीय यूनियन (EU) और बाकी जगह क्रिप्टोकरेंसी पर ग्लोबल स्टैंडर्ड कैसे डेवलप होते हैं.’
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क्रिप्टोकरेंसी मार्केट को पिछले महीने बड़ा झटका लगा था, जब संसदीय एजेंडे में यह बिल आया था. इस बिल में देश में सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को ऑपरेट करने से रोकने का प्रस्ताव है. प्रस्तावित बिल से यह बात भी निकलकर सामने आई है कि भारत सरकार की दिलचस्पी सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) लॉन्च करने में है.
बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट (BIS) से भी जानकारी ले रही सरकार
क्रिप्टोकरेंसी फ्रेमवर्क के बारे में ज्यादा गहराई से समझने के लिए सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) स्विट्जरलैंड में स्थित बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट (BIS) से भी जानकारी ले रहे हैं.
क्रिप्टोकरेंसी बिल संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान पेश किया जाने वाला था. इसे इस महीने की शुरुआत में कैबिनेट को मंजूरी के लिए भेजा गया था. तब से बिल पर कोई आधिकारिक कमेंट नहीं आया है. 2021 के बजट सत्र के लिए भी यही बिल लिस्ट किया गया था. उस समय भी इस पर चर्चा नहीं हुई.
इस बीच, भारत के क्रिप्टो स्पेस में काफी कुछ देखने को मिल रहा है. er Guru और BrokerChoose जैसी रिसर्च फर्मों के कई अध्ययनों से पता चला है कि दुनिया में सबसे ज्यादा क्रिप्टो इन्वेस्टर भारत में हैं. यह संख्या करीब 10 करोड़ है.