किसान की खुदुकशी पर सियासी बवाल
प्रदेश के जशपुर इलाके में किसान की खुदकुशी के मामले ने अब सियासी रूप ले लिया है। भारतीय जनता पार्टी ने प्रशासनिक अव्यवस्था का आरोप लगाया है। खुद पार्टी के अध्यक्ष अरुण साव ने कहा- बार-बार किसानों को खुशहाल करने का जो दावा किया जाता है उसकी पोल खुली है। प्रदेश में किसान लगातार आत्महत्या क्यों कर रहे हैं? जशपुर के 26 साल के युवा किसान ने 40 हजार के कर्ज के लिए आत्महत्या ली। ये इस बात को दर्शाता है कि किसानों के बीच प्रशासनिक मदद की कोई उम्मीद नहीं है।
UP में किसान की मौत के बाद पिछले साल प्रदेश की तरफ से वहां 50 लाख का मुआवजा दिया गया था। इस मामले को जहन में लाते हुए साव ने कहा- बाहर के राज्यों में 50-50 लाख बांट दिया जाता है। लेकिन अपने ही प्रदेश के किसान की आत्महत्या करने पर उसे कभी पागल तो कभी बीमार करार दे दिया जाता है। कोई अन्य कारण बताकर जनता को भ्रमित करने का प्रयास करती है कांग्रेस । अब कांग्रेस जवाब दे कि क्या वह जशपुर में खुदकुशी करने वाले रामकुमार उर्फ उज्जवल यादव के परिवार को उत्तर प्रदेश के किसानों के जैसे ही 50 लाख का मुआवजा देगी?
यह है पूरा मामला
बुधवार 26 अक्टूबर को खबर आई कि जशपुर जिले के बगीचा पंडरापाठ चौकी क्षेत्र के किसान रामकुमार उज्जवल यादव (26) ने खुदकुशी की। परिजनों ने दावा किया कि रामकुमार ने कर्ज लेकर लगभग 17 एकड़ में मक्के की खेती की थी। मक्के की फसल अच्छी न होने से वह परेशान था। मृतक के भाई नंदलाल यादव ने बताया कि रामकुमार ने उसे बताया था कि मक्के की फसल अच्छी न होने के कारण वह कर्ज में डूब गया है। पुलिस को अब तक की जांच में पता चला कि कुछ लोगों से लगभग 40 हजार का कर्ज रामकुमार ने लिया था।
अफसरों ने किया बीमारी का दावा
बगीचा के SDM और तहसीलदार ने आधिकारिक रिपोर्ट भेजी है। कहा गया है कि रामकुमार यादव ने स्वास्थ्यगत एवं पारिवारिक परेशानियों के चलते आत्महत्या की है। आर्थिक अभाव एवं कर्जदार होने का कोई प्रमाण अभी सामने नहीं आया है। अफसरों ने परिजनों एवं ग्रामीणों से पूछताछ के आधार जानकारी देने की बात कही है। तहसीलदार ने बताया कि 26 साल का रामकुमार यादव बीते एक साल से अपने माता-पिता एवं भाईयों से अलग अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ रह रहा था।